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संघर्षविराम के चंद घंटों बाद ही पाकिस्तान ने तोड़ा भरोसा, भारत ने झूठे दावों को किया खारिज
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की घोषणा को महज चार घंटे भी नहीं बीते थे कि पाकिस्तान ने एक बार फिर अपना दोगलापन दिखाते हुए सीजफायर का उल्लंघन कर दिया। भारत ने शनिवार शाम पांच बजे पाकिस्तान की मांग पर संघर्षविराम की घोषणा की थी, लेकिन रात करीब नौ बजे जम्मू-कश्मीर समेत तीन राज्यों में पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए। इन गतिविधियों के चलते कई जगहों पर ब्लैकआउट करना पड़ा। भारतीय सेना ने तत्परता दिखाते हुए इन ड्रोन को रोक दिया। देर रात 11 बजे भारत के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि पाकिस्तान ने संघर्षविराम तोड़ा है, जिसके जवाब में सेना को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
इस घटनाक्रम के कुछ ही देर बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक बार फिर झूठ का सहारा लिया। अपने भाषण में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, तुर्किये और चीन को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया और भारत को गीदड़भभकी देते हुए कहा कि भारत ने हमला करके गलती की है, जिसकी कीमत उसे चुकानी पड़ेगी।
शहबाज शरीफ ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत ने पहलगाम हमले को आधार बनाकर युद्ध छेड़ा और निर्दोष लोगों, मस्जिदों और आम नागरिकों को ड्रोन और मिसाइल से निशाना बनाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान की ओर से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की पेशकश की गई थी, लेकिन भारत ने क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “यह केवल हमारी सेना की नहीं, पूरे पाकिस्तान की जीत है।”
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हमेशा की तरह आतंकवाद पर पुराना राग अलापते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार रहा है और उसने इस लड़ाई में 90 हजार से ज्यादा नागरिकों को खोया है। साथ ही 152 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान भी उठाया है। भारत पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भारत आतंकवाद पर एकतरफा फैसले लेता है।
शरीफ अमेरिका के प्रति भी अत्यधिक कृतज्ञ नजर आए। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व और क्षेत्रीय शांति के लिए उनकी भूमिका की प्रशंसा की। चीन को “बहुत प्यारा और भरोसेमंद मित्र” बताते हुए उन्होंने विशेष रूप से धन्यवाद दिया। हालांकि, पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने सोशल मीडिया पोस्ट में किसी तीसरे देश की मध्यस्थता का जिक्र नहीं किया। उन्होंने बताया कि भारत और पाकिस्तान आपसी सहमति से संघर्षविराम पर राजी हुए।
भारत ने इन सभी झूठे दावों को सिरे से खारिज किया है। विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट रूप से बताया गया कि पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा झूठा है और भारत की सैन्य कार्रवाई केवल आतंकी ठिकानों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर केंद्रित रही है। ब्रीफिंग में भारतीय वायुसेना के सुरक्षित ठिकानों की तस्वीरें भी दिखाई गईं, जो यह दर्शाती हैं कि पाकिस्तान के हमले झूठे प्रचार मात्र थे।
सरहद पर हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं और भारतीय सेना पूरी तरह से सतर्क है। भारत ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि उसकी जवाबी कार्रवाई हर उस प्रयास पर भारी पड़ेगी, जो देश की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने के इरादे से किया गया हो।
