अल्मोड़ा- उत्तराखंड बनने के 23 वर्षों में एक ओर राज्य की अवधारणा तेजी से ध्वस्त हो रही है और दूसरी ओर प्राकृतिक संसाधनों, जमीनों की निर्मम लूट से उत्तराखंड बेहाल है। हिमालयी क्षेत्र में कश्मीर से लेकर अरुणाचल तक केवल उत्तराखंड ही एक ऐसा राज्य है जो पूंजीपतियों, भू माफियाओं को किसी न किसी बहाने असीमित जमीन हथियाने व संसाधनों को लूटने की खुली छूट दे रहा है। कोरोना काल के बाद इस लूट खसोट में अभूतपूर्व तेजी आई है। चुनाव से पहले सशक्त भू कानून की मांग करने वाली सरकारें, राजनेता, जनप्रतिनिधियों की जीवन – मरण के इस प्रश्न पर रहस्यमई चुप्पी जनता के मन में अनेक सवाल पैदा कर रही है। उत्तराखंड में येन केन प्रकारेण जमीनों, जंगलों, यहां के मूल निवासियों को बेदखल करने की इस नीति के दुष्परिणाम अब तेजी से सामने आ रहे हैं और प्रभावित जनता का एक बड़ा तबका इसके खिलाफ मैदान में उतर रहा है जिनको एकजुट कर इन तिकड़मी माफिया गिरोहों को चुनौती देना समय की मांग है।
मित्रों उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यहां के आम लोगों को आर्थिक, राजनीतिक व सामाजिक रूप से लगातार कमजोर करने की नीतियों का अनुसरण किया जा रहा है जो राज्य की संघर्षशील जनता के साथ धोखा है।
इसी क्रम में व्यापक विचार विमर्श के बाद 13 मई को प्रातः 11:00 बजे से गांधी पार्क अल्मोड़ा में भूमाफिया भगाओ पहाड़ बचाओ, उत्तराखंड बचाओ
भू माफियाओं से पहाड़ बचने को होगा अगला आंदोलन
रैली प्रदर्शन आयोजित की जा रही है जिसके लिए स्थानीय स्तर पर आयोजन समिति का गठन किया गया है। हम आयोजन समिति की ओर से सभी छात्र, युवा, महिला संगठनों,प्रभुत्वजनों, व्यापारियों, जन संगठनों, सामाजिक, राजनीतिक संगठनों को अपनी पहचान के साथ इस अभियान में शामिल होने की अपील करते हैं। कृपया उत्तराखंडी अस्मिता और राज्य की अवधारणा को साकार करने के लिए हो रहे इस अभियान को तन मन धन से सहयोग करें और रैली में भारी संख्या में शामिल होकर इसे सफल बनाने की अपील की है। पी. सी. तिवारी केंद्रीय अध्यक्ष उपपा, राजेंद्र रावत सालम समिति, विनोद सिंह बिष्ट भूमि बचाओ संघर्ष समिति फलसीमा, नारायण राम एडवोकेट उपपा
हीरा देवी, भावना पांडे उत्तराखंड छात्र संगठन. चंद्रशेखर बनकोटी, ईश्वर जोशी वन पंचायत सरपंच संगठन आदि ने इस प्रदर्शन को सफल बनाने की अपील की है।