पहले चरण में 52 थाने और 19 पुलिस चौकियों का सीमा विस्तार होगा
हल्द्वानी। पर्वतीय जिलों के 1800 राजस्व गांवों की कानून व्यवस्था का जिम्मा जल्द ही राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस के अधीन आ जाएगी। पहले चरण में 52 थाने और 19 पुलिस चौकियों का सीमा विस्तार होगा। अंकिता भंडारी हत्याकांड में राजस्व पुलिस पर उठे सवालों के बाद सरकार ने यह बड़ा कदम
उठाया है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में लगभग 7500 गांव ऐसे हैं, जहां पर कानून व्यवस्था का जिम्मा राजस्व पुलिस के पास है। अंग्रेजों के समय से राजस्व पुलिस व्यवस्था इन गांवों में है। इन गांवों को रेगुलर पुलिस के अधीन लाने जा रही है। सरकार मानना है कि इन गांवों में नियमित पुलिस व्यवस्था होने से अपराध व असामाजिक गतिविधियों में कमी आएगी।
दूसरे चरण में 6 नए थाने व 20 पुलिस चौकियों का गठन किया जाएगा। इसके तहत नए थाने व चौकियों का गठन कर लगभग 1444 राजस्व ग्राम नियमित पुलिस व्यवस्था के अधीन करने की प्रकिया जल्द पूरी की जाएगी। विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने इसकी पुष्टि की है।
जिलावार राजस्व गांवों की संख्या
सरकार की ओर से नियमित पुलिस व्यवस्था के लिए अधिसूचित राजस्व गांवों में देहरादून जिले के 4, उत्तरकाशी के 182, चमोली के 262, टिहरी के 157, पौड़ी के 148, रुद्रप्रयाग के 63, नैनीताल के 39, अल्मोड़ा के 231, पिथौरागढ़ के 595, बागेश्वर के 106, चंपावत के 13 गांव शामिल हैं।