उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में बदलेंगे नियम! महिलाएं अब नाइट शिफ्ट में कर सकेंगी काम, कैबिनेट ने लगाई मुहर
उत्तराखंड कैबिनेट ने दुकानों, मॉल और कॉमर्शियल प्रतिष्ठानों में महिला कर्मचारियों को नाइट शिफ्ट (रात 9 बजे से सुबह 6 बजे) में काम करने की अनुमति दे दी है। साथ ही, ओवर टाइम की सीमा भी बढ़ाई गई। जानें इस ऐतिहासिक फैसले की मुख्य शर्तें और श्रमिकों को क्या मिलेगा फायदा।
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में महिला कर्मचारियों और श्रमिकों से जुड़े दो अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है। अब उत्तराखंड में दुकानों, मॉल और कॉमर्शियल काम्प्लेक्स जैसे प्रतिष्ठानों में महिला कर्मचारी रात की पाली में भी काम कर सकेंगी। इस व्यवस्था को तुरंत प्रभाव से लागू करने की मंजूरी दी गई है, जिससे प्रदेश में महिला रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
नाइट शिफ्ट के लिए सख्त सुरक्षा शर्तें अनिवार्य
सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि यह व्यवस्था कुछ सख्त शर्तों के साथ लागू की गई है। महिला कर्मचारी स्वेच्छा से ही रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक की अवधि में काम कर सकेंगी, जिसके लिए उनकी लिखित सहमति अनिवार्य होगी। इसके अलावा, संबंधित प्रतिष्ठानों को महिलाकर्मियों की सुरक्षा के पूरे इंतजाम करने होंगे। सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि रात में काम करने वाली महिलाओं को उनके घर से कार्यस्थल तक लाने-ले जाने की सुरक्षित व्यवस्था भी करनी होगी।
ओवर टाइम की सीमा भी बढ़ी
कैबिनेट ने केवल नाइट शिफ्ट ही नहीं, बल्कि श्रमिकों से जुड़े एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह बदलाव उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा-शर्त) अधिनियम, 2017 की धाराओं में किया गया है। अब कर्मचारी तीन महीने में 75 घंटे की बजाय 144 घंटे तक ओवर टाइम (Over Time) कर सकेंगे। तिवारी ने बताया कि इस संशोधन से दुकानों और संस्थानों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। साथ ही, श्रमिकों को ज्यादा देर तक काम करने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी और उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त होगी।
रोजगार और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला न केवल महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति देगा। खासकर पर्यटन, हॉस्पिटैलिटी और रिटेल सेक्टर में रात की पाली में काम करने वाली महिलाओं की उपलब्धता से व्यवसाय की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा। हालांकि, इस व्यवस्था की सफलता पूरी तरह से प्रतिष्ठानों द्वारा सुरक्षा मानकों और निर्धारित शर्तों के ईमानदारी से पालन पर निर्भर करेगी।
