भ्रष्टाचार की गोद में बैठा स्वार्थ के अण्डे सेता है।
वोट के बदले जो जनता को आश्वासन बस देता है।
सारी बाजी हार के भी जो रहता सदा विजेता है।
दुनिया का अद्भुत प्राणी वह कहलाता जो नेता है।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’
भ्रष्टाचार की गोद में बैठा स्वार्थ के अण्डे सेता है।
वोट के बदले जो जनता को आश्वासन बस देता है।
सारी बाजी हार के भी जो रहता सदा विजेता है।
दुनिया का अद्भुत प्राणी वह कहलाता जो नेता है।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’