देहरादून। अयोध्या में रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के बाद उत्तराखंड में स्कूलों में श्रीराम का पाठ पढ़ाए जाने की तैयारी हो रही है। अब उत्तराखंड के मदरसों में भी इसे लागू किया जाएगा। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष हाजी शादाब शम्स ने कहा कि श्रीराम सभी के लिए प्रेरणा हैं। वह अपने पिता के मान सम्मान के लिए 14 साल वनवास चले गए। हम मुगलों को नहीं मानते हम नबी के मानने वाले हैं। श्रीराम और नबी ने इंसानों को अच्छे रास्ते पर चलना सिखाया है। मदरसों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम भी लागू है। शिक्षा विभाग की ओर से एनसीईआरटी की किताबों में श्रीराम की जीवनी को शामिल किया जा रहा है, तो स्वाभाविक बात है कि मदरसों में भी श्रीराम की जीवनी पढ़ाई जाएगी। इसमें किसी को भी कोई एतराज नहीं होना चाहिए। बता दे कि उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड के अधीन 117 मदरसे आते हैं।
उत्तराखंड के मदरसों में बच्चे पढ़ेंगे श्रीराम का पाठ
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