छायावाद के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत की 124वीं जयंती उनके पैतृक गांव स्युनराकोट में मनाई गई
अपनी जमीन व जंगल से जुड़कर समाज को एक नई दिशा देना आज समय की जरूरत, वरना नहीं बचेंगे हमारे पहाड़: तिवारी
अल्मोड़ा। छायावाद के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत की 124वीं जयंती पर उनके पैतृक गांव स्युनराकोट में कार्यक्रम आयोजित हुआ। अतिथियों ने दीप प्रज्वलित के बाद कवि कंचन तिवारी द्वारा मधुर मंगलाचरण गाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सभी अतिथियों ने सुमित्रानंदन पंत का स्मरण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
कवि सुमित्रानंदन पंत का गांव अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर मार्ग स्थित पातलीबगड़ के पास है। जयंती पर राजकीय इंटर कालेज कमलेश्वर की छात्राओं ने वंदना एवं स्वागत गीत की प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि ब्लॉक प्रमुख बबिता भाकुनी रहीं। अध्यक्षता सुमित्रानंदन पंत स्मारक समिति के अध्यक्ष लाल सिंह स्युनरी ने की। विशिष्ट अतिथियों में प्रसिद्ध रंगकर्मी साहित्यकार व हुक्का क्लब अल्मोड़ा की पत्रिका पुरवासी के संपादक त्रिभुवन गिरी महाराज, देहरादून से अवधेश प्रसाद पंत, उपपा के अध्यक्ष पीसी तिवारी, ग्राम प्रधान गीता स्युनरी रहे। जबकि मुख्य वक्ता साहित्यकार मीनू जोशी, अमन संस्था के निदेशक रघु तिवारी, प्रसिद्ध गायिका लता पांडेय, लोकगायक दीवान कनवाल, लोकगायिका शीला पंत रहे।
लोकगायिका लता पाण्डे ने कवि पंत की कविता ” मैं मुट्ठी भर भर बांट सकूं” का स्वर पाठ किया और प्रसिद्व गीत “स्वर्ग तारा जुनाली राता” की शानदार प्रस्तुति दी। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कवि पंत के जन्मदिन की बधाई दी और कहा कि अपनी जमीन व जंगल से जुड़कर समाज को एक नई दिशा देना आज समय की जरूरत है, वरना हमारे पहाड़ नहीं बचेंगे।
पहरू कुमाऊनी पत्रिका के संपादक डॉ हयात सिंह रावत ने सभी को कुमाऊनी बोलने व अपनी संस्कृति व सभ्यता को बचाने का आह्वान किया। अमन संस्था के संस्थापक रघु तिवारी ने अपने संभाषण में कहा कि इंटरनेट, इंस्टाग्राम व्हाट्सएप के समय में कवि पंत आज भी प्रासंगिक हैं ये गर्व की बात है।
मुख्य वक्ता मीनू जोशी ने सुमित्रानंदन पंत के व्यक्तित्व/कृतित्व व उनके साहित्यिक अवदान पर विस्तृत व्याख्यान दिया। स्वरचित गीत “प्रकृति के सुकुमार तुम फिर से पधारो” प्रस्तुत किया। लोकगायक दीवान कनवाल ने कवि पंत की एकमात्र कुमाऊनी कविता को स्वरबद्ध कर मधुर स्वर में प्रस्तुत किया “सार जंगव में त्वै जै क्वै नाह रे क्वै नाह” गीत सुनकर सभी श्रोता भावविभोर हो गए।
लोक गायिका शीला पंत ने एक न्योली व एक सुंदर कुमाऊनी गीत गाकर वाहवाही लूटी। आप पार्टी के कार्यकर्ता शमशेर आर्यन ने एक कुमाऊनी गीत सुनाया। हल्द्वानी के राज्य आंदोलनकारी नीरज पंत, कवि कंचन तिवारी, अवधेश प्रसाद पंत, बिपिन चंद्र पंत, आनंद सिंह बिष्ट, कवयित्री बीना चतुर्वेदी, कवि प्रफुल्ल पंत ने अपनी रचनाओं से उपस्थित जनसमूह को आनंदित कर दिया। प्रसिद्ध साहित्यकार व रंगकर्मी विशिष्ट अतिथि त्रिभुवन गिरी महाराज ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा “भारत कपाव में हिंदी चंदन सुमित्रानंदन सुमित्रानंदन” इस विषय पर बच्चों से कविता लिखने का आह्वान किया और सबसे अच्छी कविता को 501.00 (पांच सौ एक) रुपये के पुरुस्कार देने की घोषणा भी की।
सुमित्रानंदन पंत के पोते सुधांशु पंत ने कार्यक्रम आयोजन के लिए के लिए आभार जताया। मुख्य अतिथि ब्लॉक प्रमुख हवालबाग बबिता भाकुनी ने कहा कि मैं हर साल इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहती हूं। उन्होंने शौचालय के निर्माण के लिए डेढ़ लाख रुपए देने की घोषणा की।
कार्यक्रम में पूनम, राकेश पंत, ग्राम प्रधान कसून सुंदर सिंह मटियानी, दीवान मटियानी, दरबान सिंह, कुंदन सिंह स्युनरी, नरेंद्र बनकोटी, चंद्र प्रकाश बिष्ट ,चित्रा पंत सहित अनेकों ग्राम वासियों व बच्चों ने शिरकत की। कार्यक्रम संयोजक व संचालक प्रधानाचार्य नीरज पंत ने आगामी वर्ष से किसी एक साहित्यकार को प्रतिवर्ष 5100.00 ( इक्कावन सौ रुपये ) का पुरस्कार देने की घोषणा की, जिसका सभी ने ताली बजाकर स्वागत किया।
संस्था के सचिव पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख हवालबाग आनंद सिंह डंगवाल ने अतिथियों का आभार प्रकट किया। अल्मोड़ा की निर्वतमान जिलाधिकारी वंदना का विशेष आभार प्रकट किया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूचि लेकर स्युनराकोट में कई सारे कार्य करवाए। जिसमें स्युनराकोट स्थित सुरंगों के जीर्णोद्धार के लिए 13 लाख, कवि सुमित्रानंदन पंत जी के गांव की लिंक रोड के लिए 5 लाख, सुमित्रानंदन पंत के पैतृक घर के जीर्णोद्धार के लिए 27 लाख रुपए स्वीकृत किए। सचिव श्री डंगवाल ने ब्लॉक प्रमुख बबिता भाकुनी का विशेष आभार प्रकट किया कि उन्होंने विगत वर्ष 2 लाख रुपये टिनशेड के लिए स्वीकृत किए। जिला पंचायत सदस्य महेश का आभार प्रकट किया कि उन्होंने विगत वर्ष दीवार निर्माण के लिए 1 लाख रुपए की धनराशि प्रदान की। समिति के अध्यक्ष लाल सिंह स्युनरी ने सभी को धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।