देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा के मुताबिक जोशीमठ में भू-धंसाव की अभी तक कोई तकनीकी जांच नहीं हुई। पहली बार तकनीकी जांच होगी। विशेषज्ञों की टीम 15 से 30 दिन में जांच रिपोर्ट देगी। जोशीमठ की धारण क्षमता का आकलन करने के लिए आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ पहुंच गए
हैं। एनजीआरआई, वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञ जोशीमठ पहुंच गए हैं। केंद्र से राहत पैकेज मांगेगी सरकार
जोशीमठ में विस्थापन एवं पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए केंद्र से प्रदेश सरकार राहत पैकेज की मांग करेगी। एनडीएमए के चार सदस्यों की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता में केंद्रीय मदद पर चर्चा हुई। राज्य सरकार राहत पैकेज का प्रारूप तैयार करने में जुट गई है। भू-धंसाव क्यों हो रहा, अभी कोई साक्ष्य नहीं
सचिव आपदा प्रबंधन ने कहा कि जोशीमठ में भू-धंसाव क्यों हो रहा है, इसका कोई ठोस और वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है। एनटीपीसी की टनल के कारण भू-धंसाव होने से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। जब तक पानी रिस रहा, कोई निर्माण नहीं होगा
डॉ.सिन्हा ने कहा कि जब तक जोशीमठ में पानी रिस रहा है और राहत कार्य चल रहे हैं, तब तक कोई निर्माण नहीं होगा।nजियो स्टडी दो दिन में स्थायी पुनर्वास के लिए कोटी बाग, पीपलकोटी और उद्यान विभाग की भूमि की जियो स्टडी जीएसआई की टीम दो दिन में करेगी। सीबीआरआई घरों का डिजाइन बनाएगा।
ड्रेनेज सिस्टम के लिए 13 को टेंडर खुलेगा
जोशीमठ में ड्रेनेज सिस्टम बनाने के लिए सिंचाई विभाग 13 जनवरी को टेंडर खोलेगा। पहले 20 जनवरी को खुलना था।
दो समितियां बनेंगी, सीएस रोज करेंगे समीक्षा राहत एवं पुनर्वास कार्यों को तेजी से कराने के लिए मुख्य सचिव रोज समीक्षा करेंगे। कार्यों को तेजी से अंजाम देने के लिए अपर मुख्य सचिव
वित्त आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी और दूसरी कमेटी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होगी, जिसमें स्थानीय लोग और हितधारक भी होंगे। जोशीमठ का बनेगा मास्टर
जोशीमठ शहर का एक मास्टर प्लान तैयार होगा। यह जिम्मा शहरी विकास विभाग और आवास को दिया गया है। वे तत्काल कार्यदायी एजेंसी तय करेंगे।
जोशीमठ भू-धंसाव पर ये उठाए जाएंगे कदम
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