अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़
कुमाऊं में बर्ड फ्लू का खतरा, हजारों मुर्गियों की मौत, पोल्ट्री फार्मों में सख्त अलर्ट
हल्द्वानी। कुमाऊं में बर्ड फ्लू के मामलों ने प्रशासन और वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है। पशुपालन विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। वन विभाग ने भी जू और रेस्क्यू सेंटरों में कोविड जैसे प्रोटोकॉल लागू किए हैं। कर्मचारियों को पीपीई किट पहनना अनिवार्य किया गया है और पर्यटकों को सेनेटाइजेशन के बाद ही प्रवेश मिल रहा है।
अल्मोड़ा स्थित एनटीडी चिड़ियाघर में दस गुलदारों की सुरक्षा के लिए खास प्रबंध किए गए हैं। यहां गुलदारों को पहले हफ्ते में एक दिन चिकन दिया जाता था, लेकिन बर्ड फ्लू के चलते चिकन पूरी तरह बंद कर दिया गया है और मांस को उबालकर ही खिलाया जा रहा है। कार्बेट नेशनल पार्क के रेस्क्यू सेंटर में भी बिना सेफ्टी किट के प्रवेश वर्जित है।
इसी बीच, ऊधमसिंह नगर जिले में बर्ड फ्लू का असर सबसे ज्यादा देखने को मिला। किच्छा क्षेत्र के एक पोल्ट्री फार्म में 2222 मुर्गियों की मौत हुई, जिनमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। वहीं खटीमा के नदन्ना गांव में करीब 1020 मुर्गियां मृत मिलीं। इनका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। बागेश्वर जिले के सोली गांव से भी 77 मुर्गियों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए, जिनमें एक में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए विभाग ने साफ-सफाई और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में सतर्कता बढ़ाने के साथ ही आमजन से अपील की है कि वे अफवाहों से दूर रहें और सुरक्षित मांस व अंडे का ही सेवन करें।
