बंगाल की खाड़ी से मोचा तूफान का कहर, भारत के पूर्वोत्तर के राज्यों में मोचा का खतरा
बंगाल की खाड़ी से मोचा अब बांग्लादेश और म्यांमार तट की तरफ बढ़ रहा है। म्यांमार और बांग्लादेश में शनिवार को खतरे को देखते हुए हजारों लोग अपने घरों से भाग गए। इनमें हजारों रोहिंग्या शरणार्थी भी शामिल हैं। म्यांमार के रखाइन में करीब 10 हजार लोगों ने मोचा के डर से अपना घर छोड़ दिया है।
म्यांमार के रखाइन राज्य और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में मोचा तूफान के टकराने की चेतावनी जारी की गई है। संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता कार्यालय के अनुसार मोचा तूफान से म्यांमार के 12 लाख विस्थापितों पर बुरा असर पड़ेगा। डब्ल्यूएमओ के प्रवक्ता क्लेयर नुलिस ने संवाददाता सम्मेलन में कहा है कि यह बहुत ही खतरनाक चक्रवात है। इससे बांग्लादेश के रोहिंग्या शरणार्थियों का जीवन बुरी तरह प्रभावित होगा।
बांग्लादेश के सबसे सुरक्षित भासन चार द्वीप पर 55 शेल्टर होम बनाए गए हैं। मोचा से बांग्लादेश के तटीय क्षेत्रों और बंदरगाहों में चिंताएं बढ़ रही हैं। बांग्लादेश के मौसम कार्यालय ने तूफान की चेतावनी को तीन बंदरगाहों और 12 जिलों के लिए बड़ा खतरा मानते हुए खतरे का संकेत आठ डिग्री तक बढ़ा दिया है। ये तीन बंदरगाह चट्टोग्राम, काक्स बाजार और पायरा हैं। विभाग ने कहा है कि इस दौरान 140 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
वहीं, पूर्वोत्तर के राज्यों में मोचा का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। त्रिपुरा और मिजोरम में 14 मई को भी भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। नागालैंड, मणिपुर और दक्षिण असम में भी भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है। बंगाल में तूफान की गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ ने आठ टीमों को तैनात किया है।
बांग्लादेश और म्यांमार में हजारों लोग घर छोड़कर भागे, सुरक्षित जगहों पर ली शरण
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