भीमताल: भीमताल में पर्यटक के साथ हुई एक घटना ने एक बार फिर पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुंबई से अपने पिता का जन्मदिन मनाने आए एक परिवार ने आरोप लगाया है कि भीमताल के सरकारी अस्पताल में उनके पिता को समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण उनकी मौत हो गई।
मृतक विनोद आर्य (74) अपनी बेटी वसुधा आर्य और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ 30 नवंबर को भीमताल आए थे। एक नवंबर को उन्हें लूज मोशन और शुगर लो की समस्या हुई। होटल प्रबंधन ने डॉक्टर बुलाने से मना कर दिया। इसके बाद परिवार उन्हें भीमताल के सरकारी अस्पताल ले गया। वहां डॉक्टरों ने कथित तौर पर इलाज करने से मना कर दिया। काफी मिन्नतें करने के बाद इलाज शुरू किया गया, लेकिन हालत बिगड़ती देख उन्हें हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
वसुधा आर्य ने कहा कि अगर उनके पिता को समय पर इलाज मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी। उन्होंने भीमताल के अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का मुद्दा
यह घटना पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है। कई बार पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और पर्यटकों को बेहतर इलाज के लिए शहरों की ओर रुख करना पड़ता है। इस घटना के बाद एक बार फिर मांग उठ रही है कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाया जाए।
प्रशासन की भूमिका
इस घटना के बाद प्रशासन को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।