अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़
अल्मोड़ा: राज्य आंदोलनकारियों के गांव उपेक्षित, शिक्षा-स्वास्थ्य सेवाएं बदतर, जिलाधिकारी से होगी मुलाकात
अल्मोड़ा के गिरचोला क्षेत्र में राज्य आंदोलनकारियों ने बैठक कर क्षेत्र की उपेक्षा पर रोष व्यक्त किया। 45 साल बाद भी राजकीय इंटर कॉलेज भवनहीन, स्वास्थ्य सेवाएँ बदहाल और पेयजल की भारी किल्लत।
अल्मोड़ा। जिले के लमगड़ा ब्लॉक स्थित गिरचोला गांव में राज्य आंदोलनकारियों ने एक बैठक आयोजित कर क्षेत्र की गंभीर समस्याओं पर चर्चा की। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि यह क्षेत्र, जहाँ अकेले गिरचोला गांव में 19 समेत लगभग तीन दर्जन चिन्हित राज्य आंदोलनकारी निवास करते हैं, उसे उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) समर्थक क्षेत्र मानते हुए राज्य बनने के बाद से ही शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा घोर उपेक्षा का शिकार बनाया गया है। इसी उपेक्षा का परिणाम है कि क्षेत्र का विकास पूरी तरह से ठप पड़ गया है।
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ बदतर: सुविधाओं का अभाव
क्षेत्रीय समस्याओं की सूची में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली सबसे ऊपर है। क्षेत्र में शिक्षा के लिए स्थापित राजकीय इंटर कॉलेज नगरखान अपनी स्थापना के 45 वर्ष बाद भी भवनहीन है। इतना ही नहीं, विद्यालय में गणित जैसा महत्वपूर्ण विषय पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक भी नहीं है। वहीं, स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर केवल राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय है, जिसके कर्मचारियों के आवास इतने जर्जर हैं कि कर्मचारी वहां रहना पसंद नहीं करते। सड़कों की स्थिति भी दयनीय है; लिंक मार्ग आधे-अधूरे बने हैं और क्षतिग्रस्त पड़े हैं।
पेयजल की गंभीर किल्लत और नई योजना की मांग
इस क्षेत्र में पेयजल की भी भारी किल्लत है। क्षेत्र के लिए बनाई गई चनोली ग्राम समूह पेयजल योजना में पर्याप्त पानी नहीं है, जिसके कारण अच्छी बारिश होने के बावजूद भी जाड़ों के दिनों में तीसरे दिन पानी की आपूर्ति की जा रही है। इस गंभीर संकट को देखते हुए, बैठक में स्वांल नदी अथवा सरयू नदी से लिफ्ट पेयजल योजना बनाए जाने की मांग की गई है ताकि क्षेत्र को स्थायी जल स्रोत मिल सके। इसके अतिरिक्त, नगरखान तुरीनौला, गिरचोला दौला लिंक मार्ग को भी जल्द बनाए जाने की मांग की गई।
समस्याओं के समाधान हेतु जिलाधिकारी से मुलाकात
राज्य आंदोलनकारियों ने तय किया है कि क्षेत्रीय और आंदोलनकारियों की समस्याओं के समाधान हेतु 20 नवंबर को एक शिष्टमंडल अल्मोड़ा के जिलाधिकारी से मुलाकात करेगा। बैठक में ब्रह्मा नन्द डालाकोटी, दौलत सिंह बगड्वाल, बसंत जोशी, गोपाल सिंह बनौला, कुन्दन सिंह, कैलाश राम, पूरनराम, बिशन सिंह, नंदन सिंह और देवकी देवी जैसे राज्य आंदोलनकारियों सहित स्थानीय लोगों ने बड़ी संख्या में भागीदारी की। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
