अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़
सुप्रीम कोर्ट से बरी आरोपी पर जनाक्रोश, ग्रामीणों ने की फांसी की मांग
पिथौरागढ़। नौ वर्षीया मासूम कशिश की हत्या और बलात्कार के आरोपी को दस साल बाद सुप्रीम कोर्ट से निर्दोष करार देकर बरी किए जाने के फैसले ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। बीसाबजेड न्याय पंचायत सहित आसपास की कई ग्राम सभाओं में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि न्याय की लड़ाई अधूरी है और जब तक दोषी को कड़ी सजा नहीं मिलती, आंदोलन जारी रहेगा।
शनिवार को बीसाबजेड में मशाल जुलूस निकाला गया। वहीं न्याय पंचायत कुमालदा नाघर के अंतर्गत ग्राम सभाएं मझेडा, खूना और नाघर में विशाल रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया। ग्रामीणों ने एक स्वर से आरोपी को फांसी देने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अपराध समाज को झकझोरते हैं और अगर कड़ी सजा नहीं दी गई तो बच्चियों की सुरक्षा खतरे में बनी रहेगी।
विरोध प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में बुजुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल रहे। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी कर राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। ग्राम प्रधान अनीता चंद, संतोष चंद, दीपा देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य शकुंतला देवी, शिक्षाविद रमेश चंद रजवार, बुद्धेश्वर (रामलीला कमेटी बीसाबजेड के संस्थापक सदस्य), पूर्व प्रधान सरोज चंद, पूर्व प्रबंधक इंटरमीडिएट कॉलेज दीपा तिवारी, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रियंका घोटा, समाजसेवी भुवनेश्वरी चंद, बबीता चंद, सुधीर चंद, रोहित चंद, बिमला, कमला चंद, भगवान सिंह घोटा, बलबीर चंद, पंकज चंद, अशोक चंद और शमशेर चंद ने आंदोलन की अगुवाई की।
इन सभी जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने आरोपी के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा। ग्रामीणों का कहना है कि न्याय में देरी से लोगों का भरोसा कमजोर हो रहा है और इस मामले में दोषियों को बख्शना समाज के लिए खतरनाक संदेश है।
लगातार बढ़ते जनाक्रोश को देखते हुए स्थानीय प्रशासन भी सतर्क है। लेकिन ग्रामीण साफ कह रहे हैं कि वे अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे और कशिश को न्याय दिलाने तक संघर्ष जारी रहेगा।
