- अवकाश पर चल रहे हैं एकमात्र शिक्षक, व्यवस्था पर चल रहा है विद्यालय
चमुवा (अल्मोड़ा) । रा.उ.मा.वि.चमुवा में शिक्षकों की समस्या का अभी समाधान भी नहीं हुआ था कि आज रा.प्रा.वि.चमुवा में भी ताले लटक गए। धौलादेवी ब्लाक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय चमुवा में शुक्रवार को गुरुजी के नहीं आने से बच्चे विद्यालय के बाहर इंतजार करते रहे। लेकिन गुरुजी आए ही नहीं। बरसात के दिनों में बच्चे बस्तों को कंधों पर लादे ताला लटके कमरों के बाहर इंतजार करते दिखे। यही नहीं भोजनालय पर भी ताला लटका होने के कारण बच्चों के लिए मिड डे मील भी नहीं बन पाया। इस घोर लापरवाही से चिंतित और गुस्साए अभिभावकों ने जब खण्ड शिक्षा अधिकारी को फोन और वाट्सअप के माध्यम से इसकी सूचना दी तब रा.उ.मा.वि. चमुवा से 11 बजे एक शिक्षक को व्यवस्था के तहत भेजा गया। निराश और गुस्साए अभिभावकों ने खण्ड शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर लापरवाह शिक्षकों के प्रति तुरंत कार्यवाही करने की मांग करते हुए विद्यालय में जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की है।
मिली जानकारी के अनुसार धौलादेवी ब्लॉक के रा.प्रा.वि.चमुवा में अभी 26 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए यहां पर एकमात्र शिक्षक हैं, जो 20 अगस्त 2024 से अवकाश पर चल रहे हैं। 20 अगस्त को रा.प्रा.वि. नैनी के शिक्षक को यहां व्यवस्था के तहत पढ़ाने के लिए भेजा गया और 21 व 22 अगस्त को रा.प्रा.वि. टंगडुवा से एक शिक्षिका को यहां व्यवस्था के तहत भेजा गया था। लेकिन आज 23 अगस्त को शिक्षक न आने की वजह से विद्यालय का ताला ही नहीं खुला। शिक्षकों के नहीं आने की जानकारी न तो बच्चों को दी गई थी और न ही अभिभावकों को।
काफी देर इंतजार करने के बाद भी जब शिक्षक नहीं आया तो इसकी सूचना ग्राम प्रधान पूजा कार्की और एसएमसी अध्यक्ष ललीता कार्की को दी गई। एसएमसी अध्यक्ष ललीता कार्की तुरंत विद्यालय पहुंची और देखा कि विद्यालय के सभी कमरों में ताले लटके हुए हैं और बच्चे बाहर बस्तों को लेकर खड़े हैं। ललीता कार्की ने बताया कि भोजनालय में ताला लगने की वजह से बच्चों के लिए मिड डे मील भी नहीं बन पाया था। भोजनमाता का कहना है कि भोजनालय की चाबी शिक्षक कमरे में बंद करके गए थे। स्कूल मेें ताला लगने और शिक्षक के नहीं आने की सूचना जब खण्ड शिक्षा अधिकारी को दी गई तो रा.उ.मा.वि. चमुवा से एक शिक्षक को यहां भेजा गया। आदेश के बाद करीब 11 बजे शिक्षक विद्यालय पहुंचे लेकिन चाबी नहीं होने के कारण न विद्यालय का ताला खोल पाए और न ही मिड डे मील ही बन पाया। जब इस बात की भनक लोगों को लगी तो फिर चाबी ढूंढकर विद्यालय में भेजी गई। 12 बजे बाद किसी तरह आंगनबाड़ी से सामान लेकर बच्चो के लिए मिड डे मील बनाया गया।