नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक बूथ पर 138 मतदाता के पिता का एक ही नाम मुन्ना कुमार है. यह सुनकर आपको बॉलीवुड की किसी कॉमेडी फिल्म का पहला दृश्य याद आ सकता है, लेकिन यह असल जिंदगी का एक अजीब मोड़ है, जिससे मतदाताओं और उम्मीदवारों दोनों की नींद उड़ गई है. यह गड़बड़ी बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक क्षेत्र की उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को होने वाले मतदान से पहले सामने आई है.
यह विचित्र गड़बड़ी और कुछ नहीं बल्कि बूथ संख्या 54, औराई ब्लॉक से संबंधित एक “तकनीकी/क्लेरिकल त्रुटि” है, जिसके कारण 138 मतदाता ‘मुन्ना कुमार’ के संतान के रूप में सूचीबद्ध हो गए हैं. अब, इस स्थिति के कारण सभी की चिंताएं बढ़ गई हैं.
जदयू उम्मीदवार की बढ़ी परेशानी
जेडी(यू) के उम्मीदवार अभिषेक झा इस गड़बड़ी से बेहद परेशान हैं. उन्होंने कहा, “इतने सारे मतदाता एक ही पिता के बच्चे कैसे हो सकते हैं? यह बहुत अजीब है. मुझे डर है कि मेरे मतदाताओं को वोट डालने से रोका जा सकता है.” झा ने आगे कहा, “वर्तनी की गलतियां और वोटरों का गलत स्थानों पर सूचीबद्ध होना भी इस ड्रामे को बढ़ा रहा है. प्रशासन को इस समस्या को पहले ही सुलझा लेना चाहिए था, लेकिन अब यह बहुत देर हो चुकी है. हम सभी इस गड़बड़ी के साथ फंसे हुए हैं.”
स्वतंत्र उम्मीदवार वंशीधर ब्रिजवासी भी इसे हल्के में नहीं ले रहे हैं. उन्होंने कहा, “मैंने इस मामले को डिविजनल कमिश्नर के पास उठाया था, लेकिन कोई हल नहीं निकला. सोचिए, 138 मतदाता इस भ्रम में हैं कि वे सभी मुन्ना कुमार के बच्चे हैं! वे डर रहे हैं कि उनका वोट रद्द कर दिया जाएगा.”
कमिश्नर ने मतदाताओं को दिया आश्वासन
तिरहुत डिवीजनल कमिश्नर सरवनन एम ने मतदाताओं को आश्वासन दिया कि यदि वे वैध पहचान पत्र के साथ आते हैं, तो उन्हें वोट डालने से नहीं रोका जाएगा. “हम अब सूची को ठीक नहीं कर सकते, लेकिन मतदान अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि सही दस्तावेज़ों के साथ आने वाले असली मतदाताओं को वोट देने दिया जाए,” उन्होंने कहा. गड़बड़ी को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा, “हम चुनाव के बाद जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, लेकिन फिलहाल वोटिंग जारी रहेगी.”
पांच दिसंबर को होगा मतदान
तिरहुत स्नातक क्षेत्र का उपचुनाव जेडी(यू) के एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर के लोकसभा चुनाव में सीतामढ़ी से जीतने के बाद हुआ है. मतदान 5 दिसंबर को होगा और परिणाम 9 दिसंबर को घोषित होंगे. अब उम्मीद है कि मुन्ना कुमार के “संतान” बिना किसी और परेशानी के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे.