हल्द्वानी
दिल्ली-टनकपुर बस में शराब के लिए 10 मिनट का ‘ब्रेक’: यात्रियों का हंगामा, वीडियो वायरल!
दिल्ली से टनकपुर जा रही रोडवेज बस को ड्राइवर ने बिलासपुर में शराब की दुकान पर रोक दिया। यात्रियों के हंगामे और वायरल वीडियो के बाद परिवहन विभाग पर सवाल खड़े हुए। जानिए पूरी खबर।
हल्द्वानी। दिल्ली से उत्तराखंड के टनकपुर जा रही एक रोडवेज बस के चालक ने रामपुर जिले के बिलासपुर में यात्रियों को शराब खरीदने के लिए बस रोक दी। इस असामान्य ‘ब्रेक’ के कारण बस लगभग 10 मिनट तक हाईवे पर एक अंग्रेजी शराब की दुकान के पास खड़ी रही। बस रुकने के बाद दो यात्री उतरे और दुकान से शराब खरीदने चले गए। चालक की इस हरकत पर बस में मौजूद अन्य यात्रियों ने, विशेषकर महिला यात्रियों ने, ज़ोरदार हंगामा किया। घटना का यह पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे परिवहन विभाग पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
📹 ढाबे पर अनाधिकृत ठहराव और बाज़ार से गुज़रना
‘अमर उजाला’ के एक सुधी पाठक ने वीडियो भेजकर इस घटना की जानकारी दी। यात्री ने बताया कि वे शनिवार की रात दिल्ली से रुद्रपुर आ रहे थे। रामपुर पहुंचने से पहले चालक ने 10 मिनट के लिए एक ढाबे पर भी बस रोकी थी, जबकि वहां बस रोकने की कोई आधिकारिक अनुमति नहीं थी। इसके बाद बस को हाईवे से ले जाने की बजाय, बाज़ार क्षेत्र से गुज़ारा गया और सीधे शराब की दुकान के पास रोक दिया गया। इस अनाधिकृत और यात्रियों को परेशान करने वाले ठहराव से यात्रियों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने बस चालक का वीडियो बनाना शुरू कर दिया।
💬 चालक का अजीब तर्क और मामले का वायरल होना
यात्रियों के विरोध पर बस चालक ने अजीब तर्क दिया। उसने कहा कि रात होने के कारण टनकपुर में शराब नहीं मिलेगी, इसलिए उसने कुछ यात्रियों के लिए बस रोकी है। हालांकि, चालक का यह तर्क यात्रियों को शांत नहीं कर सका। महिला यात्रियों ने हंगामा करते हुए इस पूरे घटनाक्रम को रिकॉर्ड कर लिया। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिससे यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। इस घटना ने लंबी दूरी की रोडवेज बस सेवाओं के संचालन और नियमों के पालन पर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
⚠️ परिवहन विभाग को कार्रवाई की दरकार
यह घटना स्पष्ट रूप से ड्यूटी के दौरान ड्राइवर द्वारा नियमों के उल्लंघन और यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा की उपेक्षा को दर्शाती है। परिवहन विभाग को इस वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। इस तरह के अनाधिकृत ठहराव न केवल यात्रियों को असुविधा पहुंचाते हैं, बल्कि यात्रा को असुरक्षित भी बनाते हैं। यात्रियों को गंतव्य तक सुरक्षित और समय पर पहुंचाना ही रोडवेज सेवा का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए, न कि यात्रियों की व्यक्तिगत खरीददारी की ज़रूरतों को पूरा करना।
