अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़
उत्तराखंड के 25 साल: परिवर्तन पार्टी ने उठाई महंगाई, बेरोज़गारी और भूमि कानून की समस्या
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने अल्मोड़ा के द्वारसों में बैठक कर महंगाई, भूमि कानून, और स्मार्ट मीटर जैसे जन-मुद्दों पर गहन चर्चा की। कार्यकर्ताओं ने राज्य की स्थापना के आदर्शों को साकार करने का संकल्प लिया।
अल्मोड़ा। उत्तराखंड राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (UPP) ने अल्मोड़ा जिले के द्वारसों में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य की वर्तमान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर गहराई से विचार-विमर्श करना था। बैठक में राज्य की स्थापना के आदर्शों को साकार करने पर जोर दिया गया, जो मौजूदा जन-समस्याओं के बीच कहीं खोते जा रहे हैं।
बैठक में महंगाई, बेरोज़गारी और सख्त भूमि कानून की मांग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का मत था कि राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण वर्तमान सरकार की प्राथमिकता नहीं है। चर्चा के दौरान, नैनीसार और डांडा कांडा जैसे स्थानीय आंदोलनों और उनसे जुड़े जनसंघर्षों को भी याद किया गया, जो भूमि और जल के हक के लिए लड़े गए थे।
बैच में उपस्थित प्रतिभागियों ने स्मार्ट मीटरों की जबरन स्थापना के विरुद्ध अपनी गंभीर आपत्ति दर्ज कराई। उनका कहना था कि यह कदम जनता की सहमति के बिना उठाया जा रहा है और यह सीधे तौर पर आम जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ाएगा। सभी ने सर्वसम्मति से यह राय रखी कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना जिन उम्मीदों के साथ हुई थी, उन्हें पूरा करने के लिए जनहित की नीतियों और व्यापक भूमि सुधारों को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
इस महत्वपूर्ण परिचर्चा के बाद, पार्टी ने एक बड़ा फैसला लिया। जल, जंगल, ज़मीन (भूमि कानून) और नैनीसार जैसे जन-सरोकार के सवालों को मज़बूती से आगे बढ़ाने के लिए अगली बैठक 18 नवंबर 2025 को आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में पार्टी के अध्यक्ष पी.सी. तिवारी, एडवोकेट विनोद तिवारी, ममता बिष्ट, पूजा, ममता जोशी सहित अनेक कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। बैठक का समापन जनसंघर्षों को और मज़बूती से आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ हुआ।
