पीडित को मनीलान्ड्रिंग, ड्रग्स तस्करी और पहचान छुपाने का संदिग्ध बताकर डराकर की गई थी धोखाधड़ी
देहरादून। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस०टी०एफ० श्री आयुष अग्रवाल द्वारा बताया गया कि विगत दिनो साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड देहरादून निवासी एक वरिष्ठ नागरिक द्वारा सूचना दर्ज कराई कि अज्ञात साइबर अपराधियों द्वारा वादी के मोबाईल पर सम्पर्क कर स्वंय को FEDEX कोरियर कम्पनी तथा CRIME BRANCH MUMBAI अन्धेरी से बताकर मुम्बई कस्टम द्वारा वादी के नाम से अवैध पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड आदि सीज करने की जानकारी देकर मुम्बई क्राईम ब्रॉच अंधेरी से सम्पर्क करवाकर व आवेदक को स्काईप ऐप पर जोडकर वीडियो कॉल पर पुलिस थाना दर्शाकर पार्सल के सम्बन्ध में पूछताछ कर आवेदक को मनीलान्ड्रिंग, ड्रग्स तस्करी, व पहचान छुपाने का संदिग्ध बताकर व नोटिस भेजकर शिकायकर्ता के नाम से चल रहे खातो में 38 मिलीयन का अवैध ट्रांजैक्शन होना बताकर पासपोर्ट कार्यालय व मुम्बई क्राइम ब्रांच से किल्यरेन्स प्रदान करने का झांसा दिया गया तथा पीड़ित की डिजिटल गिरफ्तारी की गई जहां उसे स्काइप के माध्यम से 24 घंटे के लिए ऑडियो वीडियो निगरानी पर रखा गया। उनसे कहीं न जाने को कहा गया इसके पश्चात् अपराधियों ने फर्जी मुंबई क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर पीडित को डरा धमकाकर 1,13,00,000/- (1 करोड 13 लाख रू०) भिन्न भिन्न बैंक खातो में स्थानान्तिरित करने के लिए मजबूर किया। गिरफ्तार आरोपी दुबई से गिरोह चलाते थे जहां उनके गिरोह के सदस्यों ने दुबई से पैसे निकाले। यह उत्तराखंड पुलिस द्वारा पर्दाफाश किया गया पहला डिजिटल गिरफ्तारी प्रकरण है, जहां एक ही गिरोह साइबर पुलिस स्टेशन, द्वारका के एक अभियोग में वांछित है और गिरोह के सदस्यों एवं प्रकरणों की अंतर-राज्य criminal linkages की तलाश की जा रही है। देकर व जाँच के नाम पर आवेदक से धोखाधडी से । पीडित द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु०अ०सं० 23/2024 धारा 420,120 बी भादवि व 66 (डी) आईटी एक्ट बनाम अज्ञात का अभियोग पंजीकृत किया गया।
उक्त प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस०टी०एफ० श्री आयुष अग्रवाल द्वारा इस घटना के अनावरण करने हेतु पुलिस उपाधीक्षक श्री अकुंश मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम गठित कर अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध ठोस कार्यवाही करने के दिशा-निर्देश निर्गत किये गये। गठित टीम द्वारा घटना के शीघ्र अनावरण हेतु त्वरित कार्यवाही करते हुए घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर व सम्बन्धित खातों आदि की जानकारी व तकनीकी विश्लेषण किया गया तो उक्त अपराध में संलिप्त अपराधियों का राजस्थान से सम्बन्ध होना पाया गया। जिसमें टीम को सम्बन्धित स्थानों को खाना किया गया।
पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास तथा अभिसूचना संकलन कर 3 अभियुक्तों को कोटा, राजस्थान से गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से 05 मोबाईल फोन मय सिम कार्ड, आधार कार्ड बरामद हुये।राघ का तरीका
पूछताछ में अभियुक्तगणों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा मुम्बई काईम ब्रांच का अधिकारी बनकर भोली भाली जनता से मुम्बई कस्टम द्वारा अवैध पासपोर्ट, केडिट कार्ड सीज करने की जानकारी देकर जनता के लोगों को मनीलांड्रिंग, इग्स तस्करी का संदिग्ध बताकर व लोगों को फर्जी नोटिस भेजकर धोखाधड़ी की जाती है. जिसके लिये उनके द्वारा स्वयं को मुम्बई क्राईम ब्रांच का अधिकारी बनकर लोंगों को झांसा देकर भिन्न भिन्न एकाउन्ट में धनराशि जमा कराकर ठगी की गई है। उक्त अपराधियों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों को मनीलांड्रिंग, ड्रग्स तस्करी का संदिग्ध बताकर व लोगों को फर्जी नोटिस भेजकर धोखाधड़ी की जाती है।
गिरफ्तार अभियुक्त का नाम
1- राकेश पुत्र रमेश चन्द निवासी अजापुरा थाना-शोकुर, मध्य प्रदेश हाल गुजरों का मौहल्ला निकट शीतला माता मन्दिर थाना इटावा, जिला कोटा, राजस्थान। उम्र 30 वर्ष
2- दीपक लक्षकार पुत्र किशन कुमार लक्षकार निवासी गुजरों का मौहल्ला निकट शीतला माता मन्दिर
थाना- इटावा, जिला कोटा, राजस्थान। उम्र 26 वर्ष
3- आसिफ अली पुत्र ख्वाजा मौहम्मद निवासी जामा मस्जिद के पास, इटावा, थाना- इटावा, जिला- कोटा, राजस्थान। उम्र 27 वर्ष
बरामदगी-
1-05 मोबाईल फोन मय सिम कार्ड, आधार कार्ड आदि।
एसटीएफ में एक करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 3 सदस्यों को कोटा राजस्थान से किया गिरफ्तार
By
Posted on