उत्तराखण्ड
विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस (15 जून)पर विशेष

बूढ़े बरगद की छाया
दिल में सूनापन रहता है
तन खण्डहर सा लगता है,
देख के सन्नाटा जीवन का
अक्सर डर सा लगता है,
भले बना लो कोठी-बंगले
लेकिन ये सच्चाई है,
बूढ़े बरगद की छाया हो
तो घर,घर सा लगता है।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’
