उत्तराखंड पुलिस
उत्तराखंड एसटीएफ का साइबर थाना: 3 करोड़ की साइबर धोखाधड़ी का पर्दाफाश
देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ के साइबर थाना देहरादून पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए लगभग 3 करोड़ की साइबर धोखाधड़ी के दो आरोपियों को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है।
मामले का विवरण:
राजपुर, देहरादून के एक पीड़ित ने सितंबर 2024 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में एक शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित के अनुसार, उन्हें विभिन्न मोबाइल नंबरों से संपर्क करके उनके परिचित के रूप में प्रस्तुत किया गया और व्हाट्सएप ग्रुप “VIP3 Stock Market Strategies” में जोड़ा गया। इस ग्रुप में उन्हें स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश करके अच्छा मुनाफा कमाने का लालच दिया गया।
इसके बाद, उन्हें कम निवेश में अधिक मुनाफा कमाने के जाल में फंसाया गया और एक लिंक के माध्यम से “LSV Asset management” नामक वेबसाइट/ऐप उपलब्ध कराई गई। उनके आधार कार्ड और पैन कार्ड की प्रतियां ली गईं और वेबसाइट पर उनका खाता खोला गया। उन्हें बताया गया कि उनके निवेश का सारा मुनाफा उनके खाते में जमा होगा और वे खाते की डिटेल वेबसाइट पर ही देख सकते हैं।
साइबर अपराधियों ने उन्हें विश्वास में लेकर और प्रलोभन के जाल में फंसाकर विभिन्न बैंक खातों में पैसे जमा करवाए। वेबसाइट पर स्टॉक ट्रेडिंग निवेश से पीड़ित के खाते में मुनाफे की अच्छी खासी रकम दिखाई गई, जिससे उन्हें विश्वास हो गया कि स्टॉक ट्रेडिंग से काफी मुनाफा हो रहा है।
इसके बाद, साइबर ठगों ने उन्हें और अधिक धनराशि निवेश करने का प्रलोभन दिया। जब उन्होंने रकम निकालने को कहा, तो उन्हें बताया गया कि उनका आईपीओ ओवरवेट हो गया है और वे रकम नहीं निकाल सकते। उन्हें खाता माइनस में जाने और पैसे जमा कराने की बात कही गई।
पीड़ित ने इतनी बड़ी रकम देने से इनकार कर दिया, तो उन्हें नुकसान की जिम्मेदारी लेने का आश्वासन दिया गया। लेकिन, इसके बाद भी उन्हें उनकी जमा कराई गई रकम और मुनाफा नहीं दिया गया। इस प्रकार, साइबर ठगों ने शिकायतकर्ता के साथ 2,81,77,028/- रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दिया।
एसटीएफ की कार्रवाई:
मामले की गंभीरता को देखते हुए, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ ने घटना के शीघ्र अनावरण हेतु पुलिस टीम गठित कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। साइबर क्राइम पुलिस ने घटना में प्रयुक्त बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और व्हाट्सएप की जानकारी के लिए संबंधित बैंकों, सर्विस प्रोवाइडर कंपनी, मेटा और गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया।
प्राप्त डेटा के विश्लेषण से पता चला कि आरोपियों ने धोखाधड़ी से ठगी गई धनराशि को विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित किया था। इन बैंक खातों में फर्जी आईडी से लिए गए मोबाइल नंबरों को एसएमएस अलर्ट के रूप में रजिस्टर किया गया था।
साइबर थाना पुलिस टीम ने उत्तराखंड राज्य से 1900 किमी दूर स्थित जिला हैदराबाद, तेलंगाना जाकर तकनीकी/डिजिटल साक्ष्य एकत्र किए और घटना से संबंधित आरोपियों को चिह्नित करते हुए लगातार 7 दिनों तक उनकी तलाश की। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर दबिश दी गईं।
अथक मेहनत और प्रयास से, साइबर पुलिस टीम ने तकनीकी संसाधनों का उपयोग करते हुए साक्ष्य एकत्रित कर कार्रवाई करते हुए 2 आरोपियों को हैदराबाद से गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त बैंक खाते का एसएमएस अलर्ट नंबर सहित 3 मोबाइल फोन, 4 एटीएम कार्ड, 1 क्रेडिट कार्ड बरामद हुए हैं।
पूछताछ के दौरान, एक अन्य अभियुक्त की जानकारी प्राप्त हुई, जो वर्तमान में सेंट्रल जेल बसोली, गुरुग्राम, हरियाणा में निरुद्ध है। उसे जल्द ही वारंट बी पर उत्तराखंड राज्य लाया जाएगा।
अपराध का तरीका:
अभियुक्त सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आदि पर विज्ञापन के माध्यम से पीड़ितों से संपर्क करते थे और स्टॉक ट्रेडिंग एवं आईपीओ में निवेश करके अधिक मुनाफा कमाने का लालच देते थे। वे ट्रेडिंग के लिए फर्जी वेबसाइट पर खाता खुलवाकर पीड़ितों से जमा करवाई गई धनराशि को वेबसाइट पर मुनाफे सहित करोड़ों में दर्शाकर लालच और विश्वास में लेते थे और निवेश के नाम पर अधिक से अधिक धनराशि जमा करवाकर धोखाधड़ी को अंजाम देते थे। धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को वे अपने विभिन्न बैंक खातों में प्राप्त कर অন্যত্র स्थानांतरित कर देते थे।
गिरफ्तार अभियुक्त:
- सैयद मन्नान पुत्र सईयद मोहम्मद, निवासी अलीगुडा मुरादनगर, हैदराबाद, उम्र 42 वर्ष।
- सैयद अजहर हुसैन, निवासी कंपनी बाग, एमडी लाइन्स, हैदराबाद, उम्र 31 वर्ष।
बरामदगी:
3 मोबाइल फोन, 4 एटीएम कार्ड, 1 क्रेडिट कार्ड।
गिरफ्तारी पुलिस टीम: - अपर उप निरीक्षक सुनील भट्ट (विवेचक)
- कानि0 महेश उनियाल
- कानि0 मुकेश बागोरिया
- अपर उ0नि0 मनोज बेनीवाल (तकनीकी सहयोग)
जनता से अपील:
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ उत्तराखंड श्री नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने और टिकट बुक करने वाले अनजान अवसरों के प्रलोभन में न आएं।
उन्होंने सभी से अपील की है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर, यूट्यूब लाइक सब्सक्राइब में निवेश न करें और किसी भी अनजान व्यक्ति के संपर्क में न आएं या न ही किसी भी अनजान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें। किसी भी अनजान कॉल आने पर लालच में न आएं, अनजान कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना/दस्तावेज न दें।
किसी भी प्रकार के ऑनलाइन जॉब हेतु अप्लाई कराने से पहले उक्त साइट का पूर्ण वेरिफिकेशन संबंधित कंपनी आदि से भली-भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नंबर सर्च न करें और शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को संपर्क करें। वित्तीय साइबर अपराध घटित होने पर तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें।
