उत्तराखण्ड
उत्तराखंड कैबिनेट बैठक: प्रधानाचार्य भर्ती नियमों में बड़ा संशोधन, कुंभ 2027 के लिए 82 नए पदों को मंजूरी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में राज्य के शिक्षा और शहरी विकास से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में उत्तराखंड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली-2022 में संशोधन को स्वीकृति दी गई, जिसके तहत राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के रिक्त 50% पदों पर विभागीय भर्ती प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
नए नियमों के अनुसार, अब एलटी संवर्ग के सहायक अध्यापक, जिन्होंने 15 वर्षों की सेवा पूर्ण कर ली है, वे भी इस भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे। इसके अलावा, वे प्रवक्ता जिनके पास बीएड डिग्री नहीं है, उन्हें भी परीक्षा में शामिल होने की पात्रता दी गई है। साथ ही, विभागीय भर्ती के लिए आयु सीमा को 50 वर्ष से बढ़ाकर 55 वर्ष कर दिया गया है।
कैबिनेट द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए संशोधित प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे पहले एलटी शिक्षकों की पात्रता को लेकर जो भ्रम की स्थिति थी, उसे भी स्पष्ट कर दिया गया है। अब ऐसे सहायक अध्यापक (एलटी संवर्ग), जो प्रवक्ता पद पर पदोन्नति पाकर 10 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं, वे भी प्रधानाचार्य पद की परीक्षा में भाग ले सकेंगे।
इसके अतिरिक्त, हाईस्कूलों में दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके प्रधानाध्यापक और 10 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके प्रवक्ता भी इस भर्ती प्रक्रिया के पात्र होंगे। इन संशोधनों का उद्देश्य विभागीय पदोन्नति के अवसरों को अधिक व्यापक और समावेशी बनाना है।
बैठक में वर्ष 2027 में हरिद्वार में प्रस्तावित कुंभ मेले को लेकर तैयारियों की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया। कैबिनेट ने शहरी विकास विभाग के प्रस्ताव पर मेला अधिष्ठान के लिए कुल 82 पद सृजित करने की मंजूरी दे दी है। इनमें 9 स्थायी, 44 अस्थायी और 29 आउटसोर्स पद शामिल हैं। ये सभी पद मेला अवधि में सुचारु संचालन और बेहतर व्यवस्थाओं के लिए जरूरी माने जा रहे हैं। इन पदों को भरने की प्रक्रिया शहरी विकास विभाग द्वारा संचालित की जाएगी।
