नैनीताल
हाईकोर्ट में नैनीताल जिला पंचायत चुनाव पर हंगामा, SSP को फटकार, अगली सुनवाई कल
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय में नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनाव से जुड़े विवाद पर सोमवार को सुनवाई हुई। सुरक्षा व्यवस्था व निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने SSP नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा पर सख्त नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि आरोपी खुलेआम तलवारों के साथ घूम रहे थे और पूरा गैंग घटनास्थल पर आया, फिर भी पुलिस के पास जानकारी नहीं थी। यह सुरक्षा तंत्र की बड़ी नाकामी है।
न्यायालय ने पांचों सदस्यों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) तलब करते हुए पूछा कि क्या पुलिस को इस गैंग की जानकारी थी। अदालत ने चेतावनी दी कि SSP अपनी ड्यूटी निभाने में असफल रहे हैं और उनका तबादला किया जा सकता है। कोर्टरूम में वायरल वीडियो भी दिखाया गया, जिसमें हंगामा और अभद्र भाषा के दृश्य सामने आए। याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया कि हल्द्वानी के आईटीआई गैंग के गुंडे चुनाव में हस्तक्षेप कर रहे थे। साथ ही मतगणना देर रात 3 बजे बिना प्रत्याशियों की मौजूदगी में कराई गई।
सरकारी पक्ष ने कहा कि मतदान केंद्र के भीतर कोई अवरोध नहीं हुआ और सभी गड़बड़ी बाहर हुई थी। SSP ने बताया कि वीडियो मतदान वाले दिन का नहीं है, सभी आरोपियों की पहचान हो चुकी है और गिरफ्तारी जल्द होगी। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता देवीदत्त कामथ ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए चुनाव दोबारा कराने की मांग की।
जिलाधिकारी नैनीताल ने स्पष्ट किया कि सभी कार्रवाई चुनाव नियमावली के अनुसार हुई और मतगणना कैमरों की निगरानी में संपन्न कराई गई। अब मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी।
