उत्तराखण्ड
उत्तराखंड: भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नई पहल, CM धामी ने ‘सतर्कता-हमारी साझा जिम्मेदारी’ अभियान किया शुरू
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में ‘सतर्कता-हमारी साझा जिम्मेदारी’ अभियान का आगाज किया और अधिकारियों को दिलाई सत्यनिष्ठा की शपथ। कहा-भ्रष्टाचारी कोई हो, बख्शा नहीं जाएगा।
देहरादून। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक प्रभावी और व्यापक अभियान चलाने के लिए सोमवार को ‘सतर्कता-हमारी साझा जिम्मेदारी’ अभियान का शुभारंभ किया गया। सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस जनजागरूकता अभियान का आगाज किया और वहां मौजूद अधिकारियों को सत्यनिष्ठा की प्रतिज्ञा दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर दृढ़ता से काम कर रही है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि भ्रष्टाचारियों की जगह केवल और केवल जेल की सलाखों के पीछे है, और भ्रष्टाचारी चाहे कोई भी हो, उसे कतई बख्शा नहीं जाएगा।
यह जागरूकता कार्यक्रम सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में शुरू किया गया है। सीएम धामी ने इस मौके पर लौह पुरुष को याद करते हुए कहा कि पटेल ने अपना पूरा जीवन भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत के संकल्प का भी उल्लेख किया और कहा कि इस संकल्प को राज्य में धरातल पर उतारा जा रहा है। सरकार का उद्देश्य शासन व्यवस्था को पारदर्शी और उत्तरदायी बनाना है, जिसके लिए यह अभियान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए शुरू किए गए उपायों की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि टोल फ्री नंबर 1064 शुरू किया गया है, जिसके जरिए बीते तीन वर्षों में करीब दस हजार शिकायतें दर्ज की गई हैं। इन शिकायतों के आधार पर 62 मामलों में ट्रैप (रंगे हाथ पकड़ने) और चार में खुली जांच की कार्रवाई की गई है। ये आंकड़े सरकार की कार्रवाई की तत्परता को दर्शाते हैं।
सीएम ने आगे बताया कि राज्य गठन के बाद से सतर्कता विभाग ने भ्रष्टाचार के मामलों में 339 अफसरों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। अकेले पिछले तीन वर्षों में 78 भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा गया है। इसके अतिरिक्त, कुछ अन्य मामलों में 27 से अधिक लोगों को भी जेल भेजा गया है। इस नए अभियान ‘सतर्कता-हमारी साझा जिम्मेदारी’ का लक्ष्य है कि आम नागरिक भी इस लड़ाई में सक्रिय भागीदार बनें, ताकि उत्तराखंड को एक भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी राज्य बनाया जा सके।
