उत्तराखण्ड
उत्तराखंड कांग्रेस में बड़ा भूचाल! नाराज नेताओं ने राहुल-खरगे से मांगा मिलने का समय; डर है ‘बिहार जैसे’ परिणाम का
उत्तराखंड कांग्रेस के नाराज वरिष्ठ नेताओं ने संगठनात्मक नियुक्तियों पर असंतोष जताते हुए राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात का समय मांगा है। जानें 2027 चुनाव पर क्या है चिंता।
देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में संगठनात्मक नियुक्तियों को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पार्टी के कई वरिष्ठ और नाराज नेताओं ने अपनी चिंताओं को सीधे केंद्रीय नेतृत्व तक पहुँचाने का फैसला किया है। इन नेताओं ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करने के लिए समय मांगा है। वे प्रदेश में पार्टी की वर्तमान स्थिति और भविष्य की रणनीति को आलाकमान के सामने रखना चाहते हैं।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने इस कदम की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि उन्होंने पार्टी नेताओं की ओर से प्रदेश सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा से बात की है, ताकि राहुल गांधी और खरगे से मुलाकात का समय मिल सके। नेताओं की मुख्य चिंता बिहार चुनाव के नतीजों को लेकर है। वे नहीं चाहते कि 2027 में होने वाले उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भी बिहार जैसे निराशाजनक परिणाम की पुनरावृत्ति हो।
मुलाकात का समय मांगने वालों में पूर्व सांसद महेंद्र सिंह पाल, पूर्व सांसद इसम सिंह, पूर्व मंत्री ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी, विधायक तिलक राज बेहड और मदन बिष्ट जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं। इसके अलावा, पूर्व राज्य मंत्री मकबूल अहमद व याकूब कुरैशी, अल्पसंख्यक विभाग के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हाजी सलीम खान, ओबीसी विभाग के पूर्व अध्यक्ष आशीष सैनी और प्रवक्ता सूरज नेगी भी इस समूह में हैं। ये सभी नेता मानते हैं कि वर्तमान संगठनात्मक नियुक्तियां पार्टी के भविष्य के लिए सही नहीं हैं।
धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि उन्होंने इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से भी परामर्श किया है। रावत ने नेताओं को सलाह दी है कि पार्टी हाईकमान से बात करना कोई गलत निर्णय नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि नेता पार्टी के हित और आगामी चुनाव की सफलता के लिए कोई बात करना चाहते हैं, तो उन्हें यह बात ज़रूर रखनी चाहिए। अब सबकी निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं कि केंद्रीय नेतृत्व इन नाराज नेताओं को कब मुलाकात का समय देता है।
