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हकीकत! पिथौरागढ़ के वनराजि गाँव में एक भी महिला 8वीं पास नहीं, पंचायत चुनाव रद्द
पिथौरागढ़ के खेतार कन्याल गाँव में आरक्षित प्रधान सीट पर 8वीं पास महिला उम्मीदवार नहीं मिली। चौंकाने वाले सर्वे में 162 वनराजियों में सिर्फ 15 पुरुष 8वीं पास मिले। सरकारी दावों की खुली पोल।
पिथौरागढ़। जिले के वनराजि बहुल गाँव खेतार कन्याल में शिक्षा की एक ऐसी कड़वी हकीकत सामने आई है, जिसने न केवल सरकारी दावों की पोल खोल दी है, बल्कि पंचायत चुनाव को भी रोक दिया है। गाँव में प्रधान पद की सीट अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित थी, लेकिन पूरे गाँव में एक भी महिला आठवीं पास नहीं मिली, जो आरक्षित वर्ग की प्रत्याशी के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता है। जुलाई में हुए पंचायत चुनाव के दौरान भी इसी वजह से यहाँ प्रधान पद के लिए मतदान नहीं हो सका था।
हाल ही में, उपचुनाव के नामांकन से पहले पंचायत राज विभाग ने एसटी वर्ग के पुरुष के लिए सीट आरक्षित करने की संभावना देखते हुए वनराजि समुदाय के पुरुषों की शिक्षा का सर्वे कराया। इस सर्वे में जो आंकड़े सामने आए, वे बेहद चौंकाने वाले हैं। गाँव में कुल 162 वनराजी हैं, जिनमें से केवल 15 पुरुष ही आठवीं पास मिले। हैरानी की बात यह है कि सिर्फ एक वनराजी पुरुष ने ही इंटरमीडिएट तक की शिक्षा ग्रहण की है। एक भी महिला वनराजी आठवीं तक पढ़ी-लिखी नहीं है।
वनराजियों के विकास और शिक्षा पर हर साल लाखों रुपये खर्च किए जाने के सरकारी दावों के बावजूद यह निराशाजनक स्थिति सामने आई है। 162 की आबादी में सिर्फ 10 फीसदी पुरुषों का आठवीं पास होना, सरकार द्वारा चलाई जा रही शिक्षा और विकास योजनाओं की जमीनी हकीकत को बयां करता है। इस स्थिति के कारण पंचायत राज विभाग के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। (उत्तराखंड में ग्रामीण विकास और पंचायती राज से जुड़ी जानकारी यहाँ देखें: Uttarakhand Panchayati Raj)
पंचायत राज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब इस गाँव को प्रधान दिलाने के लिए आरक्षण में बदलाव ही एकमात्र विकल्प बचा है। यदि सीट एसटी महिला की जगह एसटी पुरुष के लिए आरक्षित की जाती है, तो वनराजि समुदाय को गाँव का प्रतिनिधित्व करने का पहला अवसर मिल सकेगा। खेतार कन्याल गाँव की कुल आबादी 1095 है, जिसमें अन्य जातियों के लोग भी शामिल हैं।
