उत्तराखण्ड
केंद्र से ₹1700 करोड़ की सौगात! ग्रामीण सड़कों और कृषि विकास को मिलेगी रफ्तार
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड की 184 ग्रामीण सड़कों के लिए 1700 करोड़ रुपये मंजूर किए। सीएम धामी ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर कृषि विकास और नमामि गंगे के लिए फंड की मांग की।
देहरादून। राज्य की 184 ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को एक बड़ी सौगात दी है। मंगलवार को केंद्रीय कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए 1700 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दे दी है। यह सड़कें कुल 1228 किलोमीटर लंबी होंगी और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत बनाई जाएंगी। इस मंजूरी से राज्य के दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को मजबूत करने में मदद मिलेगी और लोगों का जीवन आसान होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने राज्य के विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों को रखा, जिसमें पीएमजीएसवाई की सड़कों का निर्माण प्रमुख था। धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए लगातार काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य के लगभग 90 प्रतिशत किसान लघु एवं सीमांत श्रेणी के हैं।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को फसलों को जंगली जानवरों से होने वाली क्षति की गंभीर चुनौती से अवगत कराया। उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत खेतों की घेरबाड़ (फेंसिंग) के कार्यों को शामिल करने के लिए केंद्र का आभार जताया। किसानों की सुरक्षा और उत्पादन में वृद्धि के लिए धामी ने अगले पांच साल तक 200 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का बजट अलग से देने का आग्रह किया। इससे खेतों को वन्यजीवों से सुरक्षित किया जा सकेगा, जो कि राज्य के कृषि विकास के लिए बहुत आवश्यक है।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री धामी ने आरकेवीवाई योजना के तहत ‘स्वच्छता एक्शन प्लान-नमामि गंगे क्लीन अभियान’ के लिए भी मांग रखी। उन्होंने वर्ष 2025-26 के लिए मंजूर 98 करोड़ रुपये शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया। इन सड़कों और कृषि विकास योजनाओं को मिली मंजूरी से उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और किसानों की आय को बल मिलेगा। यह कदम राज्य के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
