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कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर सेना की पर्यावरण पहल : वृहद वृक्षारोपण अभियान शुरू
पिथौरागढ़। कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर लगातार हो रहे भूस्खलन को देखते हुए सेना की 130 ईको टीए (कुमाऊँ) ने एक सराहनीय पहल शुरू की है। इस इकाई द्वारा पिथौरागढ़ से धारचूला तक के क्षेत्र में वृहद पौधारोपण अभियान की शुरुआत की गई है।
धारचूला, जो भारत–नेपाल सीमा पर स्थित एक महत्त्वपूर्ण नगर है, एनएच-9 के माध्यम से पिथौरागढ़–धारचूला–तवाघाट–लिपुलेख से जुड़ा हुआ है। यह मार्ग सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके जरिए सेना और नागरिक दोनों की अग्रिम सीमा क्षेत्रों तक निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित होती है। किंतु पिछले कुछ वर्षों से लगातार बारिश और बार-बार भूस्खलन के कारण यह मार्ग अक्सर बाधित हो रहा है, जिससे सैन्य और नागरिक परिवहन दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
विशेष रूप से टडकोट–घाटिया कोला–लूरकोट क्षेत्र में भूस्खलन और सड़क अवरोध बड़ी चुनौती बने हुए हैं। स्थानीय नागरिकों ने इस समस्या के समाधान के लिए 130 ईको टीए (कुमाऊँ) से अनुरोध किया था कि इस मार्ग पर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाए।
जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए 130 ईको टीए (कुमाऊँ) के सैनिकों को 28 अगस्त 2025 को पिथौरागढ़ से धारचूला भेजा गया। यहां दो दिवसीय अभियान के तहत व्यापक पैमाने पर पौधारोपण शुरू किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य मिट्टी का कटाव रोकना, भूस्खलन की संभावनाओं को कम करना और सीमा क्षेत्रों की सड़क संचार व्यवस्था को सुरक्षित बनाए रखना है।
