अल्मोड़ा। मोतियाबिंद की फेको सर्जरी के लिए अब मरीजों को महानगरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। मेडिकल कॉलेज में जल्द ही यह सुविधा मिलेगी। फेको सर्जरी में आंखों को जोखिम काफी कम हो जाएगा और मरीज नॉर्मल सर्जरी की तुलना में जल्दी रिकवर कर सकेगा।
फेको सर्जरी आंख में घाव को हटाने के लिए उपयोग की जाने वाली एक सर्जिकल प्रक्रिया है। इसका उपयोग ज्यादातर मोतियाबिंद के ऑपरेशन में किया जाता है। इसमें इलाज के लिए अल्ट्रासोनिक तरंगों का प्रयोग किया जाता है। पहाड़ों में इसकी सुविधा नहीं होने से इसके लिए मरीजों को हल्द्वानी या देहरादून की दौड़ लगानी पड़ती है, लेकिन अब जल्द ही यह सुविधा बेस अस्पताल में भी मिलने लगेगी। इसके लिए पहले ही अस्पताल में मशीन स्थापित की जा चुकी है। कुछ उपकरणों के पहुंचते ही सर्जरी शुरू कर दी जाएगी। प्राचार्य डॉ सीपी भैसोड़ा का कहना है कि इससे मोतियाबिंद के ऑपरेशन आसानी से हो पाएंगे। इसमें नॉर्मल सर्जरी की अपेक्षा काफी कम जोखिम होता है। साथ ही मरीज जल्दी रिकवर कर पाता है।
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में जल्द ही फेको सर्जरी से होंगे आंखों के ऑपरेशन
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