हल्द्वानी

गाड़ी पर तिरंगा लगाने से पहले जान लें ये नियम, वरना …

हल्द्वानी। 26 जनवरी या 15 अगस्त के मौके पर सड़क पर भारत के झंडे बिकने भी शुरू हो जाते हैं। इसके बाद हर अपने घर या कार पर झंडे लगाता भी है। लोग देशभक्ति की भावना के लिए ऐसा करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं झंडे फहराने के भी कई कानूनी नियम हैं।  ये नियम कहते हैं कि हर कोई अपनी कार पर भारत का झंडा नहीं लगा सकता है और ऐसा करना भारतीय झंडा संहिता का उल्लंघन है. आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है, मगर ऐसा ही है।
ऐसे में जानते हैं कि भारतीय झंडा संहिता के अनुसार कार पर झंडा लगाने के क्या नियम हैं और किन-किन लोगों को ही कार पर झंडा लगाने का अधिकार दिया गया है. इसलिए आज हम आपको बताते हैं कि नियमों के अनुसार, कौन लोग कार पर झंडा लगा सकते हैं…
ये लोग लगा सकते हैं तिरंगा
भारत में तिरंगे के इस्तेमाल का जिक्र राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) अधिनियम 1970 और भारतीय ध्वज संहिता, 2022 में है।भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार वाहनों पर केवल 225 गुना 150 मिलीमीटर आकार के झंडे का ही इस्तेमाल किया जा सकता है। झंडा लगाने का विशेष अधिकार राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, राज्यपाल, उप-राज्यपाल, प्रधानमंत्री, हाईकोर्ट के न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश, कैबिनेट मंत्री, राज्यसभा अध्यक्ष, राज्यों एवं संघ के मुख्यमंत्री, विधानसभाओं के अध्यक्ष को हैं। लोग भले ही भारतीय तिरंगे को अपनी गाड़ी पर लगा लेते हो लेकिन इसे लगाने की अनुमति आम नागरिकों को नहीं है। वहीं तिरंगे से संबंधित नियम तोड़ने पर 3 साल की सजा हो सकती है।
अन्य जानकारियां
बता दें, भारत के राष्ट्रीय झंडे में तीन रंगों की पट्टियां होती है। हमेशा तिरंगा फहराते समय ये ध्यान रखना चाहिए कि केसरिय रंग ऊपर और हरा रंग नीचे हो। वहीं झंडे की लंबाई और ऊंचाई का अनुपात 3:2 होनी चाहिए।
कैसे लगाना होगा झंडा?
जब कोई विदेशी मेहमान सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई कार में यात्रा करता है तो राष्ट्रीय ध्वज कार के दाईं और लगाना होगा और संबंधित दूसरे देश के व्यक्ति का झंडा कार के बाईं तरफ लगाना होता है.
हो सकती है कार्रवाई
नियमों के अनुसार, ऊपर बताए गए व्यक्ति के अलावा कोई और व्यक्ति कार पर झंडा लगाता है तो उन पर कार्रवाई की जा सकती है. इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति भारत के संविधान या उसके भाग को जलाता है, कुचलता है या इसे गंदा करता है तो राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत 3 साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता है. इसके अलावा झंडा संहिता में कई तरह के अन्य नियम भी तय किए गए हैं, जिनके अनुसार झंडे का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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