उत्तराखण्ड
उत्तराखंड सड़क हादसों के पीड़ितों को बड़ी राहत! अब हर अस्पताल में मिलेगा कैशलेस इलाज, धामी सरकार का ऐतिहासिक फैसला
उत्तराखंड में सड़क हादसे के घायलों को अब आयुष्मान योजना से बाहर के अस्पतालों में भी कैशलेस इलाज मिलेगा। सीएम धामी ने सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में दिए सख्त निर्देश, ट्रैफिक सिस्टम होगा ऑटोमेटेड। पूरी खबर पढ़ें।
देहरादून। उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध (अनुबंधित) अस्पतालों के अलावा भी अन्य निजी और सरकारी अस्पतालों में पीड़ितों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिल पाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने मंगलवार को सचिवालय में हुई सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में इस संबंध में परिवहन और स्वास्थ्य विभाग को जल्द प्रस्ताव तैयार करने के सख्त निर्देश दिए। यह कदम गंभीर रूप से घायल लोगों को तुरंत उपचार दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा।
दुर्घटना रोकने और त्वरित मदद पर ज़ोर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए राज्य की सीमावर्ती क्षेत्रों में सघन चेकिंग की जाए। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में ओवरलोडिंग रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरती जाए। धामी ने निर्देश दिया कि यातायात नियमों के प्रति लोगों को नियमित रूप से जागरूक किया जाए, ताकि सड़क हादसों में कमी लाई जा सके।
एआई-आधारित ट्रैफिक और फर्स्ट रिस्पॉन्डर ट्रेनिंग
सीएम धामी ने सड़क दुर्घटना के बाद घायलों को अस्पताल तक पहुँचाने के लिए ‘रिस्पांस टाइम’ (प्रतिक्रिया समय) को कम से कम रखने पर ज़ोर दिया। इसके लिए उन्होंने दुर्घटनाओं से बचाव और त्वरित सहायता के लिए आम जनता को प्रशिक्षित करने हेतु ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर ट्रेनिंग प्रोग्राम’ आयोजित करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अब एआई (AI) और तकनीक आधारित ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पर ध्यान दिया जाएगा। सभी ज़िलों में ट्रैफिक सिस्टम को ऑटोमेटेड मोड में संचालित करने की तैयारी की जाएगी।
उत्कृष्ट पहल को पूरे राज्य में लागू करने का निर्देश
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जिन जिलों ने सड़क सुरक्षा को लेकर अच्छी पहल की है, उन्हें ‘बेस्ट प्रैक्टिस’ के रूप में पूरे राज्य में लागू किया जाए। उन्होंने चिह्नित ब्लैक स्पॉट्स पर सड़क चौड़ीकरण के कार्य को प्राथमिकता से पूरा करने और पर्वतीय मार्गों पर क्रैश बैरियर लगाने पर भी विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। राज्य सरकार का यह निर्णय सड़क सुरक्षा के प्रति उसकी गंभीरता को दर्शाता है, जिससे घायलों को समय पर उपचार मिल सकेगा।
