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चंपावत बनेगा ‘आदर्श जिला’! धामी ने दी ₹115 करोड़ की 43 योजनाओं की सौगात
मुख्यमंत्री धामी ने चंपावत में ₹115.23 करोड़ की 43 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। जानें सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन से जुड़ी ये योजनाएं कैसे चंपावत के चतुर्मुखी विकास को देंगी गति।
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को चंपावत जनपद को ₹115.23 करोड़ की बड़ी सौगात दी। इस ऐतिहासिक पहल में 43 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया। इनमें से ₹51.37 करोड़ की 22 योजनाओं का लोकार्पण हुआ, जबकि ₹63.86 करोड़ की 21 नई परियोजनाओं की नींव रखी गई। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि यह कदम ‘आदर्श चंपावत’ के उनके स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरे होने चाहिए।
सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि ये विकास परियोजनाएं चंपावत के चतुर्मुखी विकास के लिए तैयार की गई हैं। इन योजनाओं में सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, पशुपालन और ग्रामीण अवसंरचना से जुड़ी महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। लोकार्पण की गई प्रमुख योजनाओं में ललुआपानी-बनलेख मोटर मार्ग का सुधारीकरण (₹473.34 लाख), राजकीय इंटर कॉलेज अमोड़ी में विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण (₹61.50 लाख) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटी में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट का निर्माण (₹50.00 लाख) शामिल हैं। ये कार्य जनपद की मूलभूत सुविधाओं को मजबूत करेंगे।
नए युग की शुरुआत: पर्यटन और कनेक्टिविटी
शिलान्यास की गई योजनाओं में भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने पर जोर दिया गया है। इनमें फायर स्टेशन चंपावत और लोहाघाट के प्रशासनिक भवनों का निर्माण (₹1559.61 लाख संयुक्त), राजकीय वृद्ध आश्रम भवन निर्माण (₹899.49 लाख), और लादीगाड़ श्री पूर्णागिरी पंपिंग पेयजल योजना (₹811.70 लाख) प्रमुख हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बाणासुर किला संरक्षण एवं ट्रैक रूट विकास और सिद्ध नरसिंह मंदिर कालूखान का सौंदर्यकरण जैसे कार्य भी शुरू किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य हर क्षेत्र में संतुलित विकास सुनिश्चित करना है।
आत्मनिर्भरता और जनसंवाद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि चंपावत उत्तराखंड की आत्मा है और इसे राज्य का मॉडल जिला बनाया जाएगा। परियोजनाओं की शुरुआत के बाद, उन्होंने जीजीआईसी ऑडिटोरियम हॉल में ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान’ के तहत डिजिटल हस्ताक्षर किए। इस दौरान उन्होंने नशामुक्त समाज, स्वच्छता और जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता बढ़ाई। कार्यक्रम के अंत में, मुख्यमंत्री ने नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की और बालिकाओं के साथ बैठकर भोजन करके उनसे सीधा और आत्मीय संवाद भी किया। ये विकास योजनाएं चंपावत के लोगों के लिए नए अवसर लेकर आएंगी।
