उत्तराखण्ड
जनसमस्याओं पर सख्ती: सीएम धामी ने अधिकारियों को दिया अल्टीमेटम
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब जनता की समस्याओं के प्रति लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगी और शिकायतकर्ता की संतुष्टि को ही निस्तारण का मानक माना जाएगा।
हर महीने की 5 तारीख को रिपोर्ट अनिवार्य
सीएम ने निर्देश दिए कि हर विभाग 5 तारीख तक हेल्पलाइन पर आई शिकायतों का पूरा ब्यौरा सीएम कार्यालय में प्रस्तुत करे। जिलाधिकारियों को हर सप्ताह, सचिवों को महीने में दो बार और मुख्य सचिव को महीने में एक बार हेल्पलाइन की समीक्षा करनी होगी। तीन महीने से अधिक लंबित मामलों का विशेष अभियान चलाकर निस्तारण करने को कहा गया।
जनता मिलन कार्यक्रम होंगे नियमित
जनसमस्याओं के त्वरित समाधान को लेकर सीएम ने जिलाधिकारियों को जनता मिलन कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिकायतों का समाधान निर्धारित समयसीमा में न करने वाले अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों को प्राथमिकता
सीएम धामी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान पर जोर दिया। उन्होंने क्षतिग्रस्त लाइनों और सुरक्षा दीवारों का काम प्राथमिकता से पूरा करने और जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि समस्या का समाधान तभी माना जाएगा, जब शिकायतकर्ता पूरी तरह संतुष्ट हो।
विभागीय नोटिस बोर्ड पर होगी सूचना
मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित अधिकारी अपने कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर यह सूचना चस्पा करें कि वे किस दिन शिकायतों के समाधान के लिए बैठेंगे। इससे आम जनता को जानकारी और सुविधा दोनों मिलेगी।
बिजली, पानी और गृह से जुड़ी शिकायतें ज्यादा
समीक्षा बैठक में निदेशक आईटीडीए गौरव कुमार ने जानकारी दी कि हेल्पलाइन पर सबसे अधिक शिकायतें पेयजल, गृह विभाग और ऊर्जा से जुड़ी मिल रही हैं। सीएम ने इन विभागों को विशेष रूप से तत्परता बरतने के निर्देश दिए।
बैठक में मौजूद रहे वरिष्ठ अधिकारी
बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एल फैनई, आर मीनाक्षी सुंदरम और शैलेश बगोली सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि जनहित सर्वोपरि है और अधिकारियों की लापरवाही सीधे कार्रवाई का आधार बनेगी।
