30 मार्च तक जमा कर सकेंगे बांध निर्माण का टेंडर
हल्द्वानी। 1975 से चल रही जमरानी बांध परियोजना को धामी सरकार में एक और अहम स्वीकृति मिली है। बजट सत्र के दौरान सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 710 करोड़ इस पर खर्चे को मंजूरी दे दी। बांध के डूब क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भी इस निर्णय की सराहना की है। साथ कहा कि अब विस्थापन और पुनर्वास मामले को भी तेजी से निपटाना चाहिए।
जमरानी बांध की वर्तमान लागत 3808 करोड़ है। 1557 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मिलेंगे क्योंकि, मोदी सरकार ने इसे पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत स्वीकृति दी है। बांध से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश दोनों को पानी मिलेगा। इसलिए पूर्व में हुए एमओयू के तहत तय पड़ोसी राज्य से भी आर्थिक सहयोग मिलेगा।
वहीं, 27 फरवरी को बजट सत्र के दूसरे दिन सरकार ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में बांध निर्माण को लेकर 710 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। वहीं, डूब क्षेत्र में आ रहे छह गांवों के लोगों का कहना है कि अब उन लोगों के विस्थापन और मुआवजे की प्रक्रिया में देरी न की जाए। जमरानी बांध निर्माण का टेंडर अब आचार संहिता में नहीं फंसेगा। मंगलवार को आनलाइन टेंडर जारी हो गया। यूके टेंडर वेबसाइट पर बांध निर्माण संबंधी सभी शर्ते और नियम अपलोड कर दिए गए हैं। 30 मार्च तक इच्छुक कंपनियां आनलाइन प्रतिभाग कर सकती है। टेंडर विज्ञप्ति में साफ कहा गया है बांध निर्माण से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए वेबसाइट पर सूचना दी जाएगी।
हल्द्वानी में जमरानी बांध परियोजना के लिए धामी सरकार ने 710 करोड़ की मंजूरी दी
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