हल्द्वानी
धामी सरकार का बड़ा ऐलान: उत्तराखंड बनेगा आयुर्वेद की ‘वैश्विक राजधानी’, हर मंडल में आध्यात्मिक ज़ोन
मुख्यमंत्री धामी ने नैनीताल से किया बड़ा ऐलान। उत्तराखंड को आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा की वैश्विक राजधानी बनाने का संकल्प। गढ़वाल व कुमाऊं में आध्यात्मिक आर्थिक ज़ोन और 50 वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे। चंपावत में पैरामेडिकल कॉलेज की भी घोषणा। जानें, राज्य में स्वास्थ्य क्रांति का पूरा प्लान।
नैनीताल/चंपावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि उत्तराखंड को ‘आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा की वैश्विक राजधानी’ बनाने का बड़ा संकल्प लिया है। नैनीताल के पास भुजियाघाट में एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए घोषणा की कि आयुर्वेदिक, प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पैटर्न को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में एक-एक आध्यात्मिक आर्थिक ज़ोन की स्थापना की जाएगी। साथ ही, राज्य में 50 नए योग और वेलनेस सेंटर भी खोले जाएंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया, जिनके मार्गदर्शन से राज्य में इन पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहन मिल रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में पहले से ही 546 आयुर्वेदिक अस्पताल और 300 से अधिक आयुष्मान आरोग्य केंद्र जनसेवा में लगे हुए हैं। इसके अतिरिक्त, जिला अस्पतालों में 26 आयुष विंग, 62 वेलनेस सेंटर और 38 पंचकर्म इकाइयाँ संचालित हो रही हैं। इन कदमों से स्पष्ट है कि सरकार स्वास्थ्य सेवा के पारंपरिक मॉडल को सशक्त करने पर ज़ोर दे रही है।
आयुर्वेद और योग को वैश्विक पटल पर ले जाने का यह संकल्प, उत्तराखंड के युवाओं के लिए भी नए रास्ते खोलेगा। इसी क्रम में, मुख्यमंत्री धामी ने गुरुवार को चंपावत दौरे के दौरान एक और बड़ा ऐलान किया। उन्होंने जिले में पैरामेडिकल कॉलेज की स्थापना की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संस्थान न केवल चंपावत में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता को सुदृढ़ करेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रशिक्षण और रोज़गार के नए अवसर भी प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी के सहयोग से ‘देवभूमि’ को ‘सर्वश्रेष्ठ प्रदेश’ बनाने का संकल्प अवश्य पूरा होगा। आध्यात्मिक आर्थिक ज़ोन की स्थापना से राज्य में धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन को बल मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह पहल उत्तराखंड को सिर्फ़ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और आध्यात्म का एक वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
