बागेश्वर- जिलाधिकारी ने ताम्र उद्योग से जुड़े ताम्र शिल्पीओं के कार्यशालाओं को देखा व उनसे संवाद किया। उन्होंने उडेरखानी गांव के ताम्र शिल्पी दुलप राम के कार्यशाला एवं उनके द्वारा उत्पादित ताम्र उत्पादों को भी देखा। उत्पादों की सराहना करते हुए क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने को कहा। जिलाधिकारी ने नई तकनीकी प्रशिक्षण दिलाने के साथ ही शिल्पीयों को आ रही समस्याओं का समाधान करने के निर्देश महाप्रबंधक उद्योग को दिए।
उन्होंने कहा ताम्र उद्योग पारंपरिक उद्योग है, इसे और अधिक विकसित करना होगा। ताम्र उद्योग के लिए बाहरी क्षेत्रों में भी यहां का नाम जाना जाता है, तथा यहां के उत्पाद काफी पसंद किए जाते हैं, ये उत्पाद जनपद के ब्रांड बने इस दिशा में कार्य करना होगा। उन्होंने उद्योग विभाग को निर्देश दिए कि माल का विपणन करने के लिए ठोस प्रयास किए जाए। जिलाधिकारी ने ताम्र उद्यमियों से संवाद करते हुए उनसे विस्तृत जानकारियां ली व उनकी समस्याओं को जाना।
जिलाधिकारी ने क्षेत्र के अनुकूल और बेहतर नीतियां बनाते हुए मल्टी एक्टिविटी के तहत कार्य कर गांव को सब्जी उत्पादन के लिए कलस्टर के रूप में विकसित करने के निर्देश डीपीएम रीप को दिए।
इस दौरान महाप्रबंधक उद्योग ने बताया कि शिल्पीयों की शिल्पकला को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। शिल्पी दुलप राम सहित दो अन्य उद्यमी शिल्प रत्न पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं, तथा उद्यमी शिल्प प्रदर्शन के लिए विदेशों में भी जा चुके हैं।
निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक उद्योग जीपी दुर्गापाल, डीपीएम रीप मो आरिफ, ग्राम प्रधान बीना देवी,विमल कुमार टम्टा, अजय कुमार, देवेंद्र कुमार, सुरेश चंद्र मनीष कुमार टम्टा आदि मौजूद थे।