सोमेश्वर (अल्मोड़ा)। प्रदेशभर में ‘नशा नहीं, रोजगार दो’ जनजागरण अभियान जोर पकड़ रहा है। सोमवार को अभियान संयोजक और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उपपा) के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने अपनी टीम के साथ गरुड़, टीट बाजार, कौसानी, चनौदा, सोमेश्वर, मनान और कोसी सहित विभिन्न क्षेत्रों में नुक्कड़ सभाएं और जनसभाएं आयोजित कर जनता को जागरूक किया। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे इस अभियान को सफल बनाने और उत्तराखंड की मूल अवधारणा को साकार करने के लिए एक बड़े सामाजिक आंदोलन में भाग लें।
41 साल पहले शुरू हुआ आंदोलन आज भी प्रासंगिक
तिवारी ने विभिन्न नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि 41 साल पहले उत्तराखंड राज्य के गठन के लिए चले जन आंदोलन की भावना आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आज नशे की गंभीर समस्या और बेरोजगारी की भयावह स्थिति से जूझ रहा है। सरकारों ने पिछले 25 वर्षों में प्रदेश के जल, जंगल, जमीन और कृषि जैसे प्राकृतिक संसाधनों को पूरी तरह नष्ट कर दिया है।
सत्ता में बैठे लोग पूंजीपतियों के प्रभाव में
तिवारी ने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे नेता पूंजीपतियों और माफियाओं के प्रभाव में काम कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों की जमीनें छीनी जा रही हैं और युवाओं को चुनाव के समय शराब और पैसे का लालच देकर गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जनता इस राजनीतिक स्थिति को बदलने के लिए एकजुट संघर्ष करे।
पूरे प्रदेश में जारी रहेगा आंदोलन
उपपा अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि ‘नशा नहीं, रोजगार दो’ अभियान पूरे उत्तराखंड में जारी रहेगा और इसके तहत सामाजिक, राजनीतिक और व्यवस्थागत परिवर्तन के लिए सभी शक्तियों को एकजुट किया जाएगा। उन्होंने जनता से अपील की कि वे संगठित होकर नशे की राजनीति के खिलाफ संघर्ष करें और रोजगार के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएं।
विभिन्न जिलों में कार्यकर्ताओं ने संभाली कमान
इस दौरान बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी में भी अभियान को गति मिली। अभियान में उपपा महासचिव नरेश नौड़ियाल, दिनेश उपाध्याय, चारु तिवारी, एडवोकेट रंजना सिंह, एडवोकेट गोविंद सिंह भंडारी, उमेश जोशी, डॉ. भीम सिंह मनकोटी, अनिल स्वामी, रेशमा पंवार, हीरा देवी, मनीष सुंदरियाल, विनीता कठैत, सुरजी देवी, गणेशी देवी और उछास की भावना पांडे सहित कई अन्य कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई।
