हल्द्वानी। चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के सचिव के निर्देश पर औषधि नियंत्रण विभाग ने शनिवार शाम औचक निरीक्षण अभियान चलाया, जिसमें 15 मेडिकल स्टोरों की जांच की गई। इस दौरान कई मेडिकल स्टोरों में अनियमितताएं पाई गईं, जिसके चलते 9 मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए।
निरीक्षण अभियान सुशीला तिवारी अस्पताल के पास से लेकर कुसुमखेड़ा तक चलाया गया। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट और नीरज कुमार की टीम ने यह जांच की। कार्रवाई के दौरान पाया गया कि कुछ मेडिकल स्टोरों में फार्मासिस्ट उपलब्ध नहीं थे, क्रय-विक्रय अभिलेखों का सत्यापन नहीं किया जा रहा था, और दवाइयों का उचित रखरखाव नहीं हो रहा था।
इन मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निलंबित
जिन मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं, उनमें शामिल हैं:
- ओम मेडिकल स्टोर
- बाबा मेडिकल स्टोर
- सिद्धी मेडिकल स्टोर
- रूद्राक्ष मेडिकोज
- सीएमएस सेल इंटरप्राइजेज
- गोविंद मेडिकोज
- जयगुरु मेडिकल
- देव मेडिकोज
- महाकाली मेडिकल स्टोर
दवा विक्रेताओं में मचा हड़कंप
औषधि नियंत्रण विभाग की इस कार्रवाई से दवा विक्रेताओं और निजी अस्पतालों में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने दवा विक्रेताओं को निर्देश दिया है कि वे नियमों का पालन करें, दवाइयों का सही रखरखाव करें और फार्मासिस्ट को अनिवार्य रूप से तैनात करें।
विशेष अभियान के तहत अब तक 25 से अधिक अस्पतालों और क्लीनिकों पर कार्रवाई
चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग चार मार्च से विशेष अभियान चला रहा है, जिसके तहत अब तक 25 से अधिक अस्पतालों, मेडिकल स्टोरों और क्लीनिकों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
- चार मार्च: दो डेंटल क्लीनिकों को बंद करने के निर्देश दिए गए।
- पांच मार्च: बगैर मानकों के चल रहे एक अस्पताल की कैंटीन को बंद करवाया गया, और दो मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निरस्त किए गए।
- छह मार्च: छह अस्पतालों के दस्तावेज पूरे न होने पर नोटिस जारी किए गए।
- सात मार्च: सात क्लीनिकों में निरीक्षण हुआ, जिनमें से चार क्लीनिकों पर दस्तावेज प्रस्तुत न करने पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया, जबकि एक क्लीनिक को बंद कर दिया गया।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सरकार सख्त
जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य सेवाओं में आ रही शिकायतों को देखते हुए सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को कड़े निर्देश दिए हैं। स्वयं मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने प्रत्येक जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का आदेश दिया है। इसी के तहत औषधि नियंत्रण विभाग का अभियान लगातार जारी है, और आगे भी नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
