उत्तराखण्ड
गैरहाजिर और अक्षम 83 शिक्षकों की सेवा होगी समाप्त, शिक्षा विभाग ने तैयार की सूची
देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने लंबे समय से गैरहाजिर और शारीरिक रूप से अक्षम शिक्षकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए 83 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर शिक्षा महानिदेशालय ने ऐसे सभी शिक्षकों का ब्योरा तैयार कर लिया है और कार्रवाई अंतिम चरण में पहुंच गई है।
महानिदेशक-शिक्षा झरना कमठान ने बताया कि ये वे शिक्षक हैं जो या तो बिना सूचना के लंबे समय से विद्यालय से अनुपस्थित हैं या फिर शारीरिक रूप से ऐसे हालात में नहीं हैं कि वे नियमित शिक्षण कार्य या कार्यालय की जिम्मेदारियों को निभा सकें। विभाग का मानना है कि इससे शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में शिक्षा महानिदेशालय ने राज्य भर में गैरहाजिर और अक्षम शिक्षकों के चिह्निकरण की प्रक्रिया शुरू की थी। इस अभियान के पहले चरण में 284 शिक्षकों की पहचान की गई, जिनमें से 105 शिक्षक और कर्मचारी लंबे समय से गैरहाजिर पाए गए। इनमें से कुछ शिक्षकों ने संतोषजनक जवाब दिए और उन्हें दोबारा सेवा में लौटने की अनुमति भी दे दी गई है। लेकिन जिन शिक्षकों की ओर से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं आया, या जो शारीरिक रूप से असमर्थ हैं, उनकी सेवाएं समाप्त करने की संस्तुति की गई है।
शिक्षा विभाग का कहना है कि यह कदम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए जरूरी है, बल्कि इससे उन योग्य शिक्षकों को भी अवसर मिलेगा जो वर्तमान में नियुक्ति की प्रतीक्षा में हैं। इसके साथ ही यह संदेश भी जाएगा कि सरकारी सेवा में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस कार्रवाई से सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के स्तर को बेहतर बनाए रखने और शिक्षकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। विभाग द्वारा जल्द ही सेवा समाप्ति के आदेश जारी किए जा सकते हैं।
