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भालू का खौफ: हमले और हार्ट अटैक से कर्मचारी की मौत! टिहरी में वन विभाग पर भड़के लोग
टिहरी के भिलंगना ब्लॉक में गूंज संस्था के कर्मचारी राकेश गिरी पर भालू ने हमला किया। दहशत के कारण हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। भालू के बढ़ते आतंक और वन विभाग की निष्क्रियता पर ग्रामीणों में गुस्सा। जानें पूरा मामला।
टिहरी गढ़वाल। जिले के भिलंगना ब्लॉक के मगरौं–पौखाल क्षेत्र में एक बेहद दुखद घटना सामने आई है। मंगलवार रात, गूंज संस्था के एक कर्मचारी, राकेश गिरी पर अचानक एक भालू का हमला हो गया। इस खौफनाक हमले में वह सड़क पर गिरकर घायल हो गए, लेकिन हमले की दहशत और गहरे सदमे के कारण उन्हें हार्ट अटैक आ गया। गंभीर स्थिति में उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, मगर ऋषिकेश एम्स रेफर किए जाने के दौरान रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
घटना का विवरण और स्थानीय लोगों का प्रयास
ग्राम खाल–पाली के प्रधान वीरेंद्र सिंह नेगी के अनुसार, कर्मचारी राकेश गिरी शाम लगभग आठ बजे अपनी बाइक से स्वाड़ी और चाह गडोलिया क्षेत्र में अपना काम निपटाकर लौट रहे थे। मगरौं–पौखाल की ओर आते समय अचानक भालू ने उन पर झपट्टा मारा, जिससे वह बाइक से गिरकर घायल हो गए। पीछे से आ रहे कुछ लोगों ने शोर मचाया, तब भालू जंगल की ओर भाग गया। लेकिन, तब तक दहशत इतनी हावी हो चुकी थी कि राकेश गिरी को हार्ट अटैक आ गया। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें तुरंत श्रीनगर बेस अस्पताल पहुंचाया गया।
वन विभाग की प्रतिक्रिया और ग्रामीणों का आक्रोश
हालांकि, इस दर्दनाक घटना पर वन विभाग का रुख चौंकाने वाला है। पौखाल वन रेंज अधिकारी हर्षराम उनियाल ने बताया कि उन्हें हमले की कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है और कर्मचारियों से पूछताछ में भी पुष्टि नहीं हुई है। अधिकारी ने यह भी दावा किया कि घटनास्थल के आसपास भालू के पंजे के निशान भी नहीं मिले हैं। वन विभाग के इस बयान से स्थानीय ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। यहां क्लिक करें और देखें कि जंगली जानवरों के हमले पर मुआवजे का क्या प्रावधान है। (External Link Suggestion: Wild Life Compensation Rules for Uttarakhand)
भालू के आतंक से सहमे ग्रामीण
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, पौखाल, गडोलिया और आसपास के क्षेत्रों में भालू की गतिविधियां लंबे समय से खतरनाक रूप से बढ़ गई हैं। ग्राम स्वाड़ी के प्रधान राकेश कुमाईं ने बताया कि भालू पिछले कई महीनों से गडोलिया, स्वाड़ी, मोलनो, पौखाल, खाल, पाली और कोटी जैसे गांवों में लगातार दहशत फैलाए हुए है। ग्रामीणों ने कई बार इस संबंध में डीएफओ से शिकायत भी की है। उन्होंने वन विभाग से तत्काल संवेदनशील स्थानों पर पिंजरे लगाकर भालू को पकड़ने की सख्त मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी कोई जानलेवा घटना न हो।
