अल्मोड़ा। इसे अच्छे परीक्षा परिणाम कहें या निजी विद्यालयों से मोहभंग होने शुरूवात धीरे से ही सही सरकारी विद्यालयों की ओर लोगों का रूझान बढ़ने लगा है। इस बीच रानीखेत की एक शिक्षिका ने अपने पुत्र का प्रवेश सरकारी विद्यालय में कराने का समाचार छपा है तो दूसरी ओर राजकीय इंटर कालेज नगरखान में कार्यरत एक प्रवक्ता सुभाष जोशी ने अपने ही कालेज में कक्षा 6 में अपने पुत्र का प्रवेश कराया है। इस हेतु विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य मनीष जोशी एवं वहां कार्यरत समस्त स्टाफ द्वारा सुभाष जोशी की सराहना करते हुए बधाई दी है।
जिला पंचायत सदस्य शिवराज बनौला, राज्य आंदोलनकारी ब्रह्मानंद डालाकोटी ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि इस विद्यालय की तीन बालिकाएं अभी हाल ही में घोषित हाई स्कूल तथा इंटर के परीक्षा परिणामों में मैरिट में आई हैं। स्कूल के शत प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं। बच्चों में अधिकतर प्रथम श्रेणी तथा आनर्स की श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं। जबकि इस विद्यालय में सुविधाओं के नाम पर कक्षा कक्ष तक पठन-पाठन के लिए नहीं हैं। अन्य सुविधाओं की तो बेहद कमी है ही फिर भी विद्यालय में कार्यरत सभी अध्यापकों द्वारा कठोर परिश्रम के परिणाम स्वरूप यह उपलब्धि प्राप्त हुई है। इससे यह भी सिद्ध होता है ग्रामीण क्षेत्रों न तो प्रतिभाओं की कमी है और न ही वहां कार्यरत अध्यापकों द्वारा मेहनत में कोई कमी की जा रही है बस ये विद्यालय पठन पाठन की सुविधाओं के अभाव का दंश झेल रहे हैं। जिससे यहां ये कभी कभी अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाते वही निजि शिक्षा संस्थानों की चकाचौंध, प्रचार प्रसार, व्यक्तिगत जनसंपर्क का मुकाबला ये सरकारी विद्यालय नहीं कर पाते इसलिए पूरी मेहनत और अच्छी संभावनाओं बावजूद सरकारी विद्यालयों में छात्र संख्या घटती जा रही है। जिला पंचायत सदस्य शिवराज बनौला ने सरकार को इस स्थितियों को ध्यान में रखकर शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने की मांग की है।
राजकीय शिक्षकों का निजी स्कूलों से मोह भंग, शुभ संकेत: शिवराज बनौला
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