गढ़वाल में चारधाम और कुमाऊँ में मानसरोवर यात्रा रोकेंगे: गुरिल्ले
अल्मोड़ा। एस एस बी स्वयं सेवकों ने जोरदार प्रदर्शन और सभा की। सभा में वक्ताओं ने कहा कि एस एस बी गुरिल्लों के मामले में निर्णय लेने में केन्द्र सरकार ने निश्चित ही बहुत बिलंब कर दिया है। हमारा ये भी मानना है जिससे हजारों गुरिल्ले न केवल अपने हकों से बंचित हैं बल्कि सीमा की सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर केन्द्र सरकार की बेरूखी उचित नहीं है। केन्द्र सरकार ने जहां 9मई 2011को भेजी एस एस बी विभाग की सिफारिशों को नजरंदाज कर दिया है वहीं गृहमंत्री स्तर लिए गये निर्णयों पर भी कार्यवाही नहीं की है। उत्तराखंड सरकार तो केन्द्र सरकार से भी दो कदम आगे बढ़ते हुए स्वयं जारी शासनादेशों पर भी कार्यवाही अपने अधिकारियों से नहीं करा पा रही है स्वैच्छिक आपदा प्रबंधन बल के गठन के शासनादेश को राज्यपाल की मंजूरी के बावजूद जहां पुलिस विभाग ने लटकाये रखा है वहीं सड़को के रख रखाव हेतु मेट और बेलदार पदों में नियुक्ति के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता स्तर पर कार्यवाही नहीं हो रही है।होम गार्ड तथा पी आर डी के माध्यम से गुरिल्लों को विभिन्न विभागों में कार्य पर रखे जाने के निर्णय भी फाइलों से आगे नहीं निकल पाये हैं। स्टेट इको टास्क फोर्स बना कर बनों की सुरक्षा करने जैसे मंत्रीमंडल के निर्णयों पर भी वन विभाग के अधिकारी कुंडली मारकर बैठे हैं और न ही कैम्पा योजना में गुरिल्लों की नियुक्ति के सरकार के आदेश पर विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की है। इसी प्रकार राज्य सरकार स्तर पर लिए गये अनेक निर्णय केवल कागजों तक ही सीमित रह गये हैं।
सभा के बाद गाँधी पार्क से शहीद स्थल तक रैली निकाली। गुरिल्लों ने गुरिल्लों की मांगों व सरकार द्वारा लिए गये निर्णयों पर शीघ्र कार्यवाही की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि गुरिल्लों ने अब आर पार की लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। इसलिए गढ़वाल मंडल मे चार धाम यात्रा में चक्का जाम तथा कुमाऊं में मानसरोवर यात्रा रोकने जैसे निर्णय लेने को गुरिल्ले बाध्य हैं।
आज प्रदर्शन मे संगठन के केन्द्रीय व प्रदेश अध्यक्ष ब्रह्मानंद डालाकोटी, जिलाध्यक्ष शिवराज बनौला, रतन सिंह, अर्जुन सिंह नैनवाल, बिशन सिंह नेगी, लक्ष्मण सिंह, विजय जोशी, भुवन चन्द्र चौधरी, कैलाश साह चंदू उपाध्याय देवी दत्त बुधानी, सुरेश चन्द्र भट्ट, ध्यान सिंह, प्रकाश चन्द्र ललितमोहनसनवाल, संजय सिंह डुंगर सिंह, गिरीश जोशी, गंगा सिंह बनौला, भगवंत सिंह, दीवान सिंह, जगदीश सिंह ,भगवत भोज, नरेन्द्र सिंह मेहरा, जीवन अधिकारी, हिरा सिंह, गोपाल सिंह राणा, पनीराम, खड़क सिंह पिलखवाल, आनंदी महरा, रेखा बगड़वाल, ममता मेहता, पूनम जोशी, आशा फत्याल, अनीता आर्या, हेमा बिष्ट, लछिमा आर्या, प्रेमा देवी, कविता साह, साह, भानु पाण्डेय, नीमा, चम्पा सरुली देवी, बसन्ती देवी, मनेता देवी, प्रताप सिंह, राजेन्द्र सिंह सहित सैकड़ो गुर्रिल्ले मौजूद रहे ।