हल्द्वानी। राष्ट्रीय स्तर पर चार गोल्ड समेत 11 पदक जीत चुकीं निर्मला मेहता को आज उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया है। निर्मला अपने हौसले से उत्तराखंड का मान बढ़ा रही हैं। दिव्यांगता के बावजूद कई संघर्षों का सामना कर वह दो बार टोक्यो और थाईलैंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व कर क्वाटर फाइनल तक का सफर तय कर चुकी हैं।
विश्व स्तर पर वह पैरा बैडमिंटन में 22वीं रैंक पर पहुंच गई है। मूल रूप से पिथौरागढ़ निवासी निमला मात्र एक वर्ष की उम्र में गलत इलाज के कारण दिव्यांग हो गयीं थी और जीवन भर के लिए व्हीलचेयर का सहारा लेने के लिए मजबूर हो गईं।
निर्मला ने वर्ष 2016 में राज्य स्तर पहला सिल्वर मेडल जीता और वर्ष 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार सिंगल और मिक्स डबल में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते। आपको बता दें कि निर्मला को अंतराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रीय पुरुष्कार से सम्मानित कर चुकी हैं। फिलहाल निर्मला को अब सरकार से एक शिकायत है कि उन्हें सरकारी नौकरी दे दी जाए तो उनकी कई समस्या सुलझ जाएं। कैमरे के सामने क्या बोलीं निर्मला सुनिए…