उत्तराखण्ड
ईडी की चार्जशीट पर बोले हरक सिंह रावत: राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार, कोर्ट से मिलेगा न्याय
देहरादून। पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. हरक सिंह रावत ने सहसपुर जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल चार्जशीट को फर्जी करार देते हुए इसे एक सुनियोजित राजनीतिक षड्यंत्र बताया है। शनिवार को कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह निर्दोष हैं और उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई केंद्र सरकार के इशारे पर की जा रही है।
डॉ. रावत ने दावा किया कि वर्ष 2004 में उन्होंने देहरादून के सहसपुर क्षेत्र में सुशीला रानी नामक महिला से जमीन खरीदी थी, जो वर्ष 1962 से उनके नाम दर्ज है। उन्होंने कहा कि उनके पास जमीन से संबंधित सभी वैध दस्तावेज मौजूद हैं। ईडी को चुनौती देते हुए हरक सिंह ने कहा कि यदि उनके दस्तावेज गलत साबित होते हैं, तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। लेकिन अगर ईडी के आरोप झूठे साबित हुए, तो वह षड्यंत्रकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि इस जमीन प्रकरण की जांच पहले दो बार हो चुकी है, जिसमें एक बार भाजपा सरकार में भी जांच कराई गई थी, लेकिन कोई दोष सिद्ध नहीं हुआ। ईडी द्वारा आरोप पत्र दाखिल किए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि अब मामला अदालत में है और उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
डॉ. रावत ने आरोप लगाया कि देश में ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि देशभर में ईडी ने 198 नेताओं पर मामले दर्ज किए, लेकिन अधिकांश में अदालत से राहत मिल चुकी है। उन्होंने भरोसा जताया कि कोर्ट से उन्हें भी न्याय अवश्य मिलेगा।
