हल्द्वानी। कुमाऊं क्षेत्र में तेंदुओं के हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कुछ दिनों में हुई तीन अलग-अलग घटनाओं में दो मासूम बच्चों की जान चली गई है, जबकि दो अन्य लोग घायल हुए हैं। नानकमत्ता क्षेत्र के ग्राम बिचवा भूड़ में 13 वर्षीय गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी अपनी खेती में लगे पिता की मदद कर रहा था। तभी एक तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
बागेश्वर: बागेश्वर जिले के कांडा तहसील के औलानी गांव में तीन वर्षीय योगिता उर्फ भूमिका अपनी दादी के साथ खेल रही थी, तभी एक तेंदुए ने उसे उठाकर ले गया। कुछ ही दूरी पर छोड़कर तेंदुआ भाग गया, लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी।
रानीखेत: रानीखेत क्षेत्र में क्षेत्र पंचायत सदस्य नीरज तिवारी और उनके मित्र धर्मेंद्र चौधरी पर बाइक से घर लौटते समय तेंदुए ने हमला कर दिया। दोनों के पैरों पर पंजे के निशान मिले हैं।
वन विभाग अलर्ट: इन घटनाओं के बाद वन विभाग अलर्ट पर है। बागेश्वर रेंज की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर तेंदुए को पकड़ने के प्रयास कर रही है। दो पिंजरे और ट्रैंक्विलाइज़र गन के साथ टीम गांव में डेरा डाले हुए है।
ग्रामीणों में दहशत: इन घटनाओं से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से तेंदुए को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती आबादी और जंगलों के सिकुड़ने से मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं।
कुमाऊं में तेंदुओं के हमलों से हाहाकार, दो बच्चों की मौत
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