कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज तिवारी और न्यायमूर्ति पकंज पुरोहित की खंडपीठ ने अगली सुनवाई 8 जनवरी को तय
(कमल जगाती)
नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने खटीमा के एक निजी स्कूल द्वारा अभिभावकों को उत्पीड़ित करने के मामले में सी.बी.एस.ई.के सचिव को पर्सनल शपथपत्र दाखिल करने को कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मंनोज तिवारी और न्यायमूर्ति पकंज पुरोहित की खंडपीठ ने अगली सुनवाई 8 जनवरी को तय की है।
खटीमा निवासी शैलेन्द्र वर्मा ने याचिका दाखिल कर कहा कि खटीमा के सिटी कॉन्वेंट स्कूल की ओर से निजी प्रकाशकों की किताबों के नाम पर अभिभावकों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
ये किताबें महंगी हैं, और एन.सी.ई.आर.टी.और सी.बी.एस.ई.पाठ्यक्रम से बाहर की हैं। स्कूल प्रबंधन की ओर से छात्रों को ऐसी किताबों की एक सूची जारी की गयी है जिससे अभिभावकों का उत्पीड़न हो रहा है। अभिवावकों को उसी दुकान से स्कूल सामग्री खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि यही स्कूल की सामग्री अन्य दुकानों में कम रेट पर उपलब्ध हैं। स्कूल प्रशासन ने जो दुकानें स्कूल सामग्री खरीदने के लिए अधिरकृत की हैं, उनमें तय समय के भीतर आवश्यक किताबें तक उपलब्ध नहीं हो रही हैं। इसकी वजह से अभिवावकों का समय बर्बाद हो रहा है, इसलिए उन्हें उनकी सुविधानुसार दुकानों से स्कूल सामग्री ख़रीदने की अनुमति दी जाय। न्यायालय ने इस मामले में सी.बी.एस.ई.के सचिव को व्यक्तिगत शपथपत्र पेश करने को कहा है, साथ ही स्कूल समेत अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किया है।
हाइकोर्ट ने निजी स्कूल के अभिभावकों के उत्पीड़न मामले में सीबीएसई सचिव से मांगा शपथपत्र
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