हल्द्वानी
हल्द्वानी: कालाढूंगी में तेज रफ्तार का क़हर, दो बाइकों की टक्कर में 2 युवकों की मौके पर मौत
हल्द्वानी के बन्नाखेड़ा में देर रात दो बाइकों की आमने-सामने की भीषण टक्कर में दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 12 वर्षीय किशोर गंभीर रूप से घायल है। तेज रफ्तार और लापरवाही हादसे की वजह।
हल्द्वानी। उत्तराखंड में तेज रफ्तार से बाइक चलाने का शौक अब जानलेवा साबित हो रहा है, जिसके चलते सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। ताजा दर्दनाक हादसा कालाढूंगी थाना क्षेत्र के बन्नाखेड़ा इलाके में हुआ है। देर रात हुए दो बाइकों की आमने-सामने की टक्कर में दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। इस भीषण दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। हादसे में एक 12 वर्षीय किशोर गंभीर रूप से घायल हुआ है, जिसका इलाज जारी है।
मुख्य विवरण (Main Details)
यह हादसा देर रात उस समय हुआ जब रामनगर, मोहल्ला खताड़ी निवासी शरीफ अपनी पत्नी और बेटे के साथ बाजपुर से रामनगर लौट रहे थे। इसी दौरान बन्नाखेड़ा में उनकी बाइक की सामने से आ रहे बाजपुर निवासी सूरज की बाइक से जोरदार भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों बाइक सवार—शरीफ और सूरज—की मौके पर ही मौत हो गई। शरीफ की पत्नी को भी चोटें आई हैं, जबकि उनका 12 वर्षीय पुत्र गंभीर रूप से घायल है। घायल मां-बेटे को तत्काल रामनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस जांच और लापरवाही (Police Investigation and Negligence)
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वरिष्ठ उप निरीक्षक मोहम्मद यूनुस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में तेज रफ्तार और लापरवाही से ड्राइविंग को दुर्घटना का मुख्य कारण माना जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हादसे के वक्त सड़क पर प्रकाश की व्यवस्था अपर्याप्त थी, जिससे दोनों चालकों को एक-दूसरे को देखने का पर्याप्त समय नहीं मिला। पुलिस सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच कर रही है।
ग्रामीणों की तत्परता (Villagers’ Promptness)
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीण तत्काल मौके पर पहुंचे। उनकी तत्परता सराहनीय रही। ग्रामीणों ने घायलों को तत्काल एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाने में मदद की, जिससे घायल किशोर को समय पर उपचार मिल पाया। मोहम्मद यूनुस ने बताया कि ग्रामीणों की तत्परता से ही घायल मां-बेटे को जल्द से जल्द चिकित्सा सुविधा मिल सकी। उत्तराखंड में सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है, फिर भी ऐसे हादसे चिंता का विषय हैं।
