हल्द्वानी। नैनीताल जिले के गेठिया में 100 बेड का मानसिक रोग अस्पताल (मेंटल हॉस्पिटल) तैयार हो रहा है, जिससे कुमाऊं मंडल के मानसिक रोगियों को बड़ा फायदा होगा। इस अस्पताल के बनने से मानसिक रोगियों को इलाज और भर्ती की सुविधा एक ही जगह पर मिल सकेगी। शासन ने अस्पताल निर्माण के लिए 44 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है और अब तक 11.50 करोड़ रुपये जारी भी हो चुके हैं। अस्पताल का बेसमेंट तैयार हो चुका है और अनुमान है कि अगले एक साल में निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
देहरादून के बाद दूसरा और कुमाऊं का पहला मानसिक रोग अस्पताल
अब तक कुमाऊं के मरीजों को मानसिक रोगों के इलाज के लिए देहरादून के सेलाकुई स्थित अस्पताल जाना पड़ता था। गेठिया में अस्पताल खुलने के बाद कुमाऊं मंडल के मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही इलाज मिल सकेगा। अभी तक एसटीएच (सुशील तिवारी हॉस्पिटल) हल्द्वानी में बड़ी संख्या में मानसिक रोगियों का इलाज होता है, लेकिन वहां भर्ती की सुविधा सीमित है। अब नए अस्पताल में मरीजों को भर्ती की सुविधा भी मिलेगी।
नैनीताल जिले में चिकित्सकों की कमी बनी समस्या
नैनीताल जिले में डॉक्टरों की भारी कमी बनी हुई है। 347 डॉक्टरों के सापेक्ष जिले में केवल 206 चिकित्सक कार्यरत हैं, जबकि 141 विशेषज्ञों की कमी बनी हुई है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि पिछले तीन वर्षों से जिले को बांडधारी चिकित्सक नहीं मिल रहे हैं। अधिकांश चिकित्सकों को अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिले के अस्पतालों में भेजा जा रहा है, जिससे नैनीताल जिले के भीमताल, ओखलकांडा, पदमपुरी और बेतालघाट के सीएचसी और पीएचसी में चिकित्सकों की कमी बनी हुई है।
सीएमओ ने निदेशालय को भेजा पत्र
सीएमओ डॉ. एचसी पंत ने बताया कि चिकित्सकों की तैनाती के लिए स्वास्थ्य निदेशालय को पत्र भेजा गया है। अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ से जो बांडधारी चिकित्सक रोटेशन के तहत भेजे जाने थे, वे भी अब तक नहीं आए हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। कुमाऊं में नए मानसिक रोग अस्पताल और चिकित्सकों की कमी को देखते हुए प्रशासन प्रयासरत है कि जल्द से जल्द इन समस्याओं का समाधान किया जाए।
