हल्द्वानी
हल्द्वानी तहसील में लापरवाही उजागर : कमिश्नर दीपक रावत का औचक निरीक्षण, कानूनगो के घर से मिलीं 21 फाइलें
हल्द्वानी। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने मंगलवार को हल्द्वानी तहसील का औचक निरीक्षण किया, जिसमें गंभीर लापरवाहियां सामने आईं। निरीक्षण के दौरान कहीं फाइलों पर तारीख नहीं पाई गई तो कहीं अधिकारियों के हस्ताक्षर गायब थे। कई कर्मचारी कमिश्नर द्वारा पूछे गए सवालों का संतोषजनक जवाब भी नहीं दे पाए। खासकर 143 के मामलों की संख्या पूछे जाने पर कर्मचारी असमंजस में पड़ गए।
निरीक्षण में सबसे चौंकाने वाला तथ्य तब सामने आया जब यह पता चला कि तहसील में तैनात कानूनगो अशरफ अली तहसील की फाइलें अपने घर ले जाकर वहीं से काम कर रहे हैं। इस पर नाराज कमिश्नर सीधे अशरफ अली के घर उजाला नगर पहुंचे। वहां से 143 के मामलों की 21 फाइलें बरामद की गईं। जांच में पाया गया कि कई मामलों में 10 दिन के भीतर ही रिपोर्ट लगा दी गई थी, जबकि कुछ पुराने मामले महीनों से लंबित पड़े हुए थे। साथ ही, बिना मौके का मुआयना किए ही रिपोर्ट लगाने की बात भी सामने आई।
कमिश्नर ने इस पूरे प्रकरण पर कड़ी नाराजगी जताते हुए तत्काल जिलाधिकारी को अनुशासनात्मक जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि तहसील का यह रवैया जनता के साथ अन्याय है, जहां आम लोग अपने मामलों के निस्तारण के लिए बार-बार चक्कर काटते हैं और फाइलें घरों में दबाकर रखी जाती हैं।
निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने तहसीलदार कार्यालय से लेकर तहसील परिसर तक हर जगह खामियां पाईं। राजस्व निरीक्षकों और अमीनों से भी सवाल-जवाब किए गए, लेकिन संतोषजनक उत्तर नहीं मिल सके। इस पर कमिश्नर ने स्पष्ट कहा कि ऐसे हालात जनता को परेशान करते हैं और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हैं।
तहसील कार्यालय की इस स्थिति ने साफ कर दिया कि यहां कामकाज कितनी लापरवाही से हो रहा है। आम आदमी फाइलों और मुकदमों के निस्तारण के लिए चक्कर काटने को मजबूर है, जबकि जिम्मेदार अधिकारी अपने घरों से कार्यालय चला रहे हैं।
कमिश्नर दीपक रावत ने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि राजस्व से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और समयबद्ध निस्तारण होना चाहिए। फाइलों को घर ले जाना गंभीर कृत्य है, जिस पर किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
