नैनीताल
कैची धाम मेला 2025: श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम, पहली बार ATS और SSB की तैनाती
हल्द्वानी/नैनीताल। उत्तराखंड के विश्वविख्यात आध्यात्मिक स्थल कैची धाम में 15 जून 2025 को आयोजित होने वाले वार्षिक मेले को लेकर प्रशासन और पुलिस द्वारा अभूतपूर्व तैयारियां की गई हैं। इस बार श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या लाखों में होने के कारण सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व रूप से सशक्त किया गया है। आईजी कुमायूं रेंज श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल ने स्वयं स्थल पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश जारी किए।
इस बार की विशेष व्यवस्था यह है कि पहली बार मेले में ATS (आतंकवाद निरोधक दस्ता) और SSB (सशस्त्र सीमा बल) की भी तैनाती की गई है। यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लिया गया है।
🔹 प्रमुख सुरक्षा उपाय और प्रशासनिक निर्णय
✅ ATS की तैनाती:
कैची धाम मेला जैसे विशाल जनसमूह वाले आयोजन में किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि पर नियंत्रण के लिए ATS की एक विशेष टीम को तैनात किया गया है। यह टीम संवेदनशील स्थानों की निगरानी करेगी और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित कार्रवाई को सुनिश्चित करेगी।
✅ SSB की तैनाती:
उत्तराखंड की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए SSB के प्रशिक्षित जवानों को भी पहली बार मेले में लगाया गया है। ये जवान भीड़ नियंत्रण, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा निगरानी में सहयोग करेंगे।
✅ ड्रोन, CCTV और PA सिस्टम से निगरानी:
पूरे मेला परिसर की हाई-रेज़ॉल्यूशन कैमरे और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है। इसके अतिरिक्त PA सिस्टम के जरिए श्रद्धालुओं को दिशा-निर्देश और आपात सूचना दी जाएगी। एक केंद्रीय कंट्रोल रूम से सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
✅ पुलिस बल की बड़ी तैनाती:
इस वर्ष सुरक्षा और व्यवस्थाओं के संचालन के लिए पिथौरागढ़, चम्पावत और बागेश्वर के तीन जनपदों के पुलिस अधीक्षकों को विशेष ड्यूटी पर लगाया गया है। इसके अलावा 3 कंपनियां PAC की और करीब 800 पुलिस कर्मी कैची धाम में ड्यूटी पर रहेंगे।
✅ श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रसाद वितरण:
मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 15 जून से 18 जून 2025 तक बाबा नीम करौली का प्रसाद वितरित किया जाएगा। यह निर्णय धाम प्रबंधन समिति के समन्वय से लिया गया है।
✅ IG कुमायूं का संवेदनशीलता पर जोर:
आईजी श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल ने निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की भावनाओं का पूरा सम्मान हो और हर सूचना की गंभीरता से जांच की जाए। किसी भी गतिविधि को सामान्य न मानते हुए सतर्कता और संवेदनशीलता अपनाई जाए।
🔸 आईजी का संदेश:
“यह मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की आस्था और पहचान का प्रतीक है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर जो अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं, वे हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। सभी अधिकारी कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करें ताकि जनता का विश्वास पुलिस पर और मजबूत हो।”
