दिल्ली निवासी आचार्य अजय गौतम की जनहित याचिका पर हाइकोर्ट ने की सुनवाई
(कमल जगाती)
नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने अपनी रजिस्ट्री के द्वारा पुराने नियमों के तहत कार्य करने के खिलाफ दिल्ली निवासी आचार्य अजय गौतम की जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश विपीन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने राज्य सरकार सहित उच्च न्यायलय की रजिस्ट्री से मई माह तक जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई मई माह में होगी।
मामले के अनुसार दिल्ली निवासी आचार्य अजय गौतम ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उत्तराखण्ड उच्च न्यायलय की रजिस्ट्री पुराने 1952 नियमों के अनुसार कार्य कर रही है। उच्च न्यायलय ने ये नियम इलाहाबाद उच्च न्यायलय से ही अधिग्रहित किए हुए है। आज तक इनमें कोई संसोधन नही हुआ जबकि कई प्रदेशों की अदालतें पेपर लैस हो चुकी है। नैनीताल शहर से बाहर का कोई अधिवक्ता जब अपने केस की पैरवी करने के लिए उच्च न्यायलय में आता है तो उसे अपने केस की दो सौ ढाई सौ पेज की फाइल साथ मे लानी पड़ती है। अगर न्यायालय इसे पेपर लैस कर दे दो वादकारियों, वकीलों को बडी सुविद्या होगी। उन्हें अपने केश की सारी जानकारी तय तिथि की आसानी से मिल सके। जनहित याचिका में न्यायालय से प्रार्थना की है कि इन नियमों में संसोधन किया जाय ।
राज्य सरकार और उच्च न्यायलय की रजिस्ट्री से मांगा जवाब
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